Bihar: वैशाली में केंद्र की योजना से जयकिशुन को मिला पक्‍का घर, रणधीर कर रहे आधुनिक खेती

Bihar News: वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना और पीएम किसान सम्मान निधि योजना से लोगों के जीवन में बदलाव आया है. जयकिशुन ठाकुर को पक्का घर मिला, जिससे परिवार को राहत मिली. रणधीर कुमार को समय-समय पर मिलने वाली आर्थिक मदद से आधुनिक खेती करने में सहूलियत हो रही है, जिससे किसानों की आय और जीवनस्तर बेहतर हुआ है.

By Nishant Kumar | August 14, 2025 6:32 PM

Bihar News: केंद्र सरकार गरीबों और किसानों को सशक्‍त बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. इन्‍हीं में प्रधानमंत्री आवास योजना और पीएम किसान सम्‍मान योजना भी शामिल हैं. इस योजना का लाभ लेकर बिहार में वैशाली के लोगों के जीवन में बदलाव आ गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी जयकिशुन ठाकुर ने अपना पक्‍का घर बना लिया. वहीं, पीएम किसान योजना के लाभार्थी रणधीर कुमार आधुनिक खेती कर रहे हैं.

जयकिशुन ने क्या कहा ? 

वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुशियारी पंचायत के राघवपुर क्षेत्र के वार्ड-2 के निवासी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक जयकिशुन ठाकुर ने बताया कि मैं कच्चे मकान में रहता था. बारिश के मौसम में पानी टपकता था. कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता था. परिवार के लोगों को उस कच्चे मकान में बहुत मुश्किलें होती थी. बच्‍चों को भी परेशानी होती थी. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलने से अब बहुत ही सहूलियत हो रही है. अब समस्या का समाधान हो चुका है. जयकिशुन ठाकुर ने पक्के मकान के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है.

रणधीर कुमार ने क्या कहा ? 

वहीं, पीएम किसान सम्‍मान योजना का लाभ लेने वाले बिदुपुर थाना क्षेत्र के रणधीर कुमार ने इस योजना की सराहना की है. उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र की बहुत ही अच्छी पहल है. इस योजना से समय-समय पर खेती-बाड़ी में मदद मिलती है. इसको लेकर हम जैसे किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हैं. समय-समय पर किसान सम्मान निधि योजना की किस्त बैंक अकाउंट में डीबीटी के जरिए आ जाती है. इससे खेती करने में काफी सहूलियत होती है.

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अब खेती करने में सहूलियत 

उन्होंने बताया कि पहले काफी परेशानी होती थी. हाथ में रुपए नहीं होने के कारण खेती-बाड़ी नहीं कर पाते थे. अब खेती अच्छे तरीके से कर रहे हैं. पहले किसान समय पर फसलों को खाद और पानी नहीं दे पाते थे. अब हर तीन महीने में दो हजार रुपए खाते में आ जाने से आर्थिक रूप से मजबूती मिल जाती है.