बिहार में बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद फिर दिखी लापरवाही, मधेपुरा में जमीन पर पुआल बिछाकर सोने को मजबूर मरीज

बिहार के खगड़िया में बंध्याकरण के दौरान मरीजों से अमानवीयता का मामला सामने आया और अब मधेपुरा जिले से भी बदहाली की तस्वीर सामने आयी है. मधेपुरा के सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद मरीज जमीन पर पुआल बिछाकर सोने को मजबूर हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 22, 2022 2:47 PM

बिहार के खगड़िया में अभी हाल में ही बंध्याकरण ऑपरेशन के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया था. इस मामले से जुड़े विवाद अभी खत्म भी नहीं हुए थे कि मधेपुरा जिले में भी ऐसा ही कुछ आलम देखने को मिला जब ऑपरेशन कराने के बाद मरीजों को जमीन पर पुआल के ऊपर सोने की व्यवस्था की गयी. वहीं डॉक्टर के लिए भी मरीज परेशान भागते मिले.

मधेपुरा में पुआल बिछाकर सोने की मजबूरी

मधेपुरा जिले में स्वास्थ्य सेवा की पोल खोल रही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरहो में स्थिति यह थी कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं था. इस स्थिति में मरीज और उसके परिजन घर और आसपास के लोगों से पुआल लेकर आये और जमीन पर बिछाकर रात काटी.

डॉक्टर घर गये, नर्स भरोसे मरीज

रात में ऑपरेशन के बाद वहां से चिकित्सक नदारत रहते हैं. मरीज व परिजन भगवान भरोसे किसी तरह रात गुजारते हैं. सदर प्रखंड के मुरहो पीएचसी में मंगलवार को 13 मरीजों का परिवार नियोजन का ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों को नर्स के भरोसे, छोड़ डॉक्टर घर को निकल पड़े.

Also Read: बिहार के नये DGP RS Bhatti पुराने तेवर में लौटे, मुख्यालय से लेकर थाने तक का जानें कैसे बदलेंगे रवैया..
एक सूई के लिए 20 रुपया की मांग

मरीजों के परिजनों ने कहा कि अस्पताल कर्मी बात-बात पर पैसे की मांग करते हैं. कर्मी एक सूई लगाने के लिए 20 रुपया लेता है और कुछ काम होता है तो 50 रुपया लेता है.

लोगों को होती है उम्मीद, जायेंगे सरकारी अस्पताल तो होगा मुफ्त इलाज

कटहरा गांव निवासी राजेंद्र यादव ने बताया कि मैंने बेटी को भर्ती कराया है. ऑपरेशन के बाद बेड उपलब्ध नहीं कराया गया. वहीं बूढ़ी गांव निवासी पार्वती देवी ने बताया कि अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. ग्रामीण विनीत कुमार ने बताया कि रात्रि में अक्सर डॉक्टर गायब रहते हैं. ग्रामीणों ने कई बार प्रभारी व सिविल सर्जन को आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है.

बोले अस्पताल प्रबंधक

मंगलवार को मुरहो पीएचसी में तीन डॉक्टर ड्यूटी पर थे. जिनमें से एक बीमार रहने के कारण 29 दिसंबर तक अवकाश पर हैं. दूसरी महिला चिकित्सक सहरसा में प्रशिक्षण दे रही है. इसके अलावा तैनात चिकित्सक दिन में ऑपरेशन करने की वजह से रात को अनुपस्थित थे. फिलवक्त अपने स्तर से साफ-सफाई करायी जा रही है. आउटसोर्सिंग को बदलने के लिए सीएस से आग्रह किया गया है.

संतोष कुमार, प्रबंधक, पीएचसी मुरहो

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version