हाइकोर्ट का फैसला, मूल निवासी से शादी करने से महिला भारत की नागरिक नहीं

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने किरण गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया.

By Prabhat Khabar | October 14, 2020 10:39 AM

पटना : भारत के मूल निवासी से शादी कर लेने से कोई महिला भारत की नागरिक नहीं हो सकती. भले ही उसके पास भारत का वोटर आइ कार्ड, पैन कार्ड, आधार ही क्यों न हो. इसके लिए उसे भारत का नागरिक बनने के लिए नागरिकता कानून के तहत आवेदन देना होगा.

पटना हाइकोर्ट ने इस तरह के आरोप में महिला के चुनाव को निरस्त करते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने किरण गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया.

कोर्ट को बताया गया कि आवेदिका नेपाल की रहने वाली थी तथा वहीं की नागरिक थी . उसकी शादी भारत के मूल निवासी के साथ हुई. शादी के बाद वह अपने पति के साथ यहीं रहने लगी. वह दो बच्चों की मां भी बनी.

यहां तक कि उसने यहां संपत्ति की खरीद भी की थी. इसके बाद वह सीतामढ़ी के रून्नी सैदपुर के माणिक चौक से 2018 में मुखिया का चुनाव जीत मुखिया बन गयी. उसके मुखिया बन जाने के उसके निर्वाचन को यह कहते हुए चुनौती दी गई कि वह भारत की नागरिक नहीं है, वावजूद उसके वह यहां चुनाव लड़ी और मुखिया बन गयी. कोर्ट ने इसी आधार पर उसके निर्वाचन को निरस्त कर दिया.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version