hajipur news. दियारा में सही समय पर नाव उपलब्ध नहीं कराने पर प्रसूता की मौत

महनार प्रखंड की हसनपुर दक्षिणी पंचायत का बहलोलपुर दियारा बाढ़ के पानी से घिरा है, दियारी निवासी राजेश राय की 21 वर्षीय पत्नी सोनी देवी को शुक्रवार की शाम में प्रसव पीड़ा शुरू हुई

By RATNESH KUMAR SHARMA | September 13, 2025 7:21 PM

महनार. प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की उदासीनता के कारण एक प्रसूता महिला की मौत हो गयी. महिला मदद के इंतजार में घंटों तड़पती रही. जब तक उसे मदद मिलती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गयी. वहीं, नवजात बच्ची सही सलामत है. महनार प्रखंड की हसनपुर दक्षिणी पंचायत का बहलोलपुर दियारा बाढ़ के पानी से घिरा है. दियारी निवासी राजेश राय की 21 वर्षीय पत्नी सोनी देवी को शुक्रवार की शाम में प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिसके बाद परिजनों ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मदद की अपील की. परिजन नाव या एसडीआरएफ बोट की मांग कर रहे थे, ताकि महिला को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा सके. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सरकारी नाव का परिचालन बंद है. एसडीआरएफ के लिए प्रशासन से बात करनी होगी. परिजनों ने प्रशासन को फोन भी किया, लेकिन प्रशासन ने एसडीआरएफ बोट के लिए आवेदन देने को कहा. शाम हो जाने और घर और कार्यालय में दूरी को देखते हुए परिजनों ने आवेदन देने में असमर्थता जतायी.

रात में एसडीआरएफ बोट लेकर बहलोलपुर दियारा पहुंची. लेकिन, तब तक महिला का प्रसव घर में ही हो चुका था. फिर भी एसडीआरएफ के जवानों ने मामले की संवेदनशीलता को समझा और प्रसव पीड़ित महिला को बहलोलपुर से रेस्क्यू कर महनार पहुंचाया. लेकिन गंगा नदी के पार पहुंचने पर पता चला कि एम्बुलेंसकर्मी हड़ताल पर हैं. इसके बाद काफी मशक्कत से पूर्व मुखिया मुकेश कुमार सिंह अपने वाहन से महिला को लेकर अस्पताल ले जाने लगे, अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गयी.

स्थानीय लोगों ने पूछा, किसके आदेश पर बंद हुआ सरकारी नाव का परिचालन

लोगों का सवाल है कि आखिर किसके आदेश पर नाव का परिचालन बंद किया गया, जबकि गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और सरकार लगातार बाढ़ का अलर्ट जारी कर रही है. नाव का परिचालन बंद किया जाना सवालों के घेरे में है. मुखिया प्रतिनिधि मुकेश सिंह ने बताया कि दियारा क्षेत्र पूरी तरह से बाढ़ से घिरा हुआ है और लोगों के आने-जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. इसके बावजूद कई दिनों से सरकारी नाव के परिचालन को बंद कर दिया गया है. अंचलाधिकारी प्रदीप कुमार ने महिला की मौत पर दुख जताते हुए परिजनों से आवेदन मांगा गया था. उनके आवेदन नहीं देने पर रात को नाव भेजी गयी. उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, हॉस्पिटल अथवा अन्य किसी भी जरूरत के लिए सदैव तत्पर रहती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वैसे लोग जो नदी के पार रहते हैं, सतर्क रहें. समय पर किसी भी गड़बड़ी की सूचना अंचल अथवा जिला प्रशासन को दें.

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