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hajipur news. डॉक्टर के सात स्वीकृत पदों में से मात्र दो की तैनाती, अल्ट्रासाउंड नहीं होने से मरीज परेशान

वैशाली के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड किया गया, अपग्रेड होने के बाद सीएचसी का आलीशान बिल्डिंग बनकर तैयार हुआ, लेकिन अब तक पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और कर्मियों को बहाल नहीं किया गया

By RATNESH KUMAR SHARMA | June 26, 2025 6:05 PM
hajipur news. डॉक्टर के सात स्वीकृत पदों में से मात्र दो की तैनाती, अल्ट्रासाउंड नहीं होने से मरीज परेशान

वैशाली.

वैशाली के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड किया गया. अपग्रेड होने के बाद सीएचसी का आलीशान बिल्डिंग बनकर तैयार हुआ, लेकिन अब तक पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और कर्मियों को बहाल नहीं किया गया, जिसके कारण इलाज कराने पहुंच रहे लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, 30 बेड वाले इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को बाहर से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है. जहां संचालक मरीजों से मोटी रकम की वसूली करते है, वहीं आने जाने आदि में कई प्रकार की परेशानियों को सामना करना पड़ता है.

भीड़ नियंत्रित करने के लिए अपनाया जा रहा क्यू मैनेजमेंट सिस्टम

सीएचसी में प्रतिदिन 100 से 150 लोग ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे है. जहां मरीजों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है. इस सिस्टम के प्रभावी होने से अस्पताल में ओपीडी में इलाज कराने वाले मरीजों को भीड़ से बचाव हो रहा है. राज्य के सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में आनेवाले मरीजों की भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर विभाग द्वारा इस सिस्टम को विकसित किया गया है.

सीएचसी बना, लेकिन नहीं मिली सुविधाएं

पीएचसी को लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड किया गया. 30 बेड का आलीशान भवन में लोगाें को स्वास्थ्य सेवा दिया जा रहा है. लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे जो सुविधा मिलनी चाहिए वह सुविधाएं अब तक नहीं मिली हैं. जितने डॉक्टर, कर्मी और अन्य सुविधाएं होनी चाहिए वह अस्पताल को नहीं मिल सकी है.

इन जांचों की है व्यवस्था

सीएचसी में ब्लड सुगर, एचआईवी, हिमोग्लोबिन, भीडीआरएल, कालाजार, मलेरिया, डेंगू, पेशाब जांच, निश्चय किट जांच, बलगम जांच, टीबी की जांच सहित कुल 23 प्रकार की जांच निःशुल्क की जाती है. वही टीबी के पॉजीटिव मरिजों के लिए दवा भी उपलब्ध है.

सीएचसी के अंतर्गत आते हैं तीन एपीएचसी

यहां डॉक्टर के सात पद स्वीकृत है, लेकिन मात्र दो डॉक्टर के सहारे ही यह संचालित हो रहा है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉक्टर से यहां सेवा ली जा रही है. यहां विशेषज्ञ डॉक्टर में शिशु, आंख, दांत, आर्थोपेडिक डॉक्टर का अभाव है. यहां नॉर्मल डिलेवरी, बंध्याकरण होता है तथा दवा आदि भी निःशुल्क दी जाती है. डॉग बाइट की दवा भी उपलब्ध है.

इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत तीन एपीएचसी मदरना, भगवानपुररत्ती एवं हाजपुरा शामिल आते हैं. वहीं, एक मॉडल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चकअल्हदाद में स्थापित है, जहां सीएचओ और एएनएम द्वारा स्वास्थ्य सेवा दी जाती है. मरीजों के लिए एम्बुलेंस, एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है. वही अल्ट्रासाउंड की सुविधा नही होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां 191 प्रकार की दवा उपलब्ध है. साफ-सफाई आदि भी समय समय होती रहती है. मरीजों की सुरक्षा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की देख रेख करने के लिए महिला एवं पुरुष सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति की गयी है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

विभाग की ओर से जो संसाधन उपलब्ध कराया गया है, उसके आधार पर क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का पूरा प्रयास किया जाता है. संसाधन की कमी को दूर करने के लिए विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा.

डॉ सीमा सरोज, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, वैशालीB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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