भीषण अगलगी में स्वाहा से हुए एक हजार आशियाने, राख के ढेर से हर ओर उठ रही सिसकियां

जंदाहा प्रखंड के महिसौर थाना क्षेत्र के डीह बुचौली पंचायत के दुलौर गांव में गुरुवार की दोपहर ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी से अगलगी

By Prabhat Khabar | April 26, 2024 10:57 PM

हाजीपुर.

जंदाहा प्रखंड के महिसौर थाना क्षेत्र के डीह बुचौली पंचायत के दुलौर गांव में गुरुवार की दोपहर ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी से अगलगी की हृदय विदारक घटना में आग की भेंट चढ़े घर एवं सामान और उसे देख-देखकर पीडि़तों की उठ रही सिसकियाें से माहौल काफी गमगीन बना रहा. इस घटना में करीब 650 परिवारों के एक हजार से अधिक घर, बर्तन, अनाज, फर्निचर, तंबाकू, गेहूं, सरसों, मक्का आदि जलकर राख के ढेर में तब्दील हो गयी. दर्जनों घरों में बेटी की शादी के लिए रखे गये रुपये और गहने भी जल गये. वहीं एक वृद्ध और दो गायों की झुलसने से मौत हो गयी थी. मृतक के शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया गया. डीएम यशपाल मीणा ने गुरुवार की देर शाम घटनास्थल पर पहुंचकर मृतक के परिजन को चार लाख रुपये का चेक प्रदान किया. वहीं सभी गतिविधि पर निगरानी कर रहे है. इस घटना में दर्जनों लोग झुलसे हुए है. जिसमे दो लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. दाेनों का इलाज पीएमसीएच में जारी है. चारों ओर से केवल सिसकियां ही निकल रही है. लोग तेज धूप में पछुआ हवा में प्रशासन की ओर से मिले प्लास्टिक के नीचे रहने को विवश है. चार राहत केंद्र बनाकर लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. भीषण गर्मी को देखते हुए प्रशासन की ओर से जगह-जगह पानी की व्यवस्था की गयी है. प्राथमिक उपचार के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है. झुलसे हुए पशुओं की जांच कर दवा दी जा रही है. वहीं घटनास्थल पर अनुमंडल और प्रखंड स्तर के करीब दो सौ पदाधिकारी और कर्मी तीन शिफ्ट में कैंप कर रहे है. शुक्रवार की सुबह घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुटी रही. समाजसेवियों की ओर से राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है. वहीं पीड़ित के सगे संबंधी बर्तन, वस्त्र, विछावन आदि लेकर पहुंच रहे है.

दूर-दूर तक दिख रहा केवल सीमेंट का खंभा, पीड़ितों के नहीं थम रहे आंसू :

डीह बुचौली पंचायत के वार्ड संख्या एक से शुरू हुई अगलगी तेज धूप और पछुआ हवा के कारण बेकाबू होकर करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक फैल गयी. वार्ड एक से पांच तक बने सभी झोपड़िनुमा और एसवेस्टस के घरों को अपने आगोश में समेट लिया. वहीं कई छतदार मकानों को जलने से दरारें हाे गयी है. आग अपने आगोश में गांव में लगे पेड़ पौधे और बांसबाड़ी आदि को समेट लिया. लोगों के घरों में सीमेंट के खंभे के अलावा कुछ भी नहीं बच सका. गांव में दूर दूर तक केवल सीमेंट का खंभा ही दिख रहा है. पीड़ित परिवारों के आंसू जले सामानों को देखकर नहीं थम रहे है. लोग पीड़ितों काे सांत्वना देते हुए ढांढ़स बंधाने में जुटे है. पीड़ित बिखरे हुए सामान को एकत्रित करने में लगे हुए हैं. अधिकांश अग्निपीड़ित दूसरे के खेतों में मजदूरी करने वाले है. आग ने पल भर में मजदूरी कर कमाए गये धन, अनाज आदि सब कुछ खत्म कर दिया और लोग बेघर भी हो गये हैं. पीडि़तों की दुर्दशा एवं उनके चीत्कार को देखकर लोगों के भी आंखों से आंसू आ रहे थे. सभी चित्कार कर कह रहे थे, सब जल गेले हो, कि खैबे हो, कहां रहबे हो, सब खत्म होय गेले हो.

प्रशासन ने लगाया हैं चार राहत शिविर :

गलगी की घटना में 5 वार्ड प्रभावित है. स्थानीय प्रशासन सजगता दिखाते हुए लोगों की सुविधा को ध्यान में रखपते हुए चार जगहों को चिन्हित कर राहत शिविर शुरू कर दी है. सभी पीड़ितों को प्लास्टिक सीट उपलब्ध करा दिया गया है. वहीं शिविर में लोगों को सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना, बच्चों के दूध आदि की व्यवस्था की गयी है. भीषण गर्मी को देखते हुए जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था की गयी है. झुलसे और अन्य लोगों के उपचार के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम दवा के साथ राहत शिविर में कैंप कर रही है. पशुचारा के लिए प्रति किसान 50 किलो भूसा दिया गया है. रोशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था की गयी है. बीडीओ आलोक कुमार और सीओ रौशन रंजन के नेतृत्व में तीन शिफ्टों में सभी शिविर में पदाधिकारी के साथ कर्मियों की तैनाती की गयी है. दूसरे प्रखंड के पदाधिकारी भी सहयोग दे रहे है. जिसमें मुख्य रूप से राजापाकर और पातेपुर प्रखंड के पदाधिकारी शामिल है. वहीं शुक्रवार को डीसीएलआर खुशबू पटेल, एसडीपीओ सुरभ सुमन के साथ महिसौर थानाध्यक्ष राम निवास कुमार पुलिस कर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लेते रहे.

युद्ध स्तर पर शुरू हुआ बिजली आपूर्ति का काम :

अगलगी में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी बिजली की तार और खंभों को बदलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी हो गया है. विद्युत विभाग के कनीय अभियंता मनीष कुमार ने बताया कि तार बदलने के लिए करीब 20 की संख्या में कर्मी लगे हुए है. तेज गति से काम कराया जा रहा है. शुक्रवार की देर शाम तक तार बदलकर बिजली आपूर्ति शुरू कर रोशनी की व्यवस्था कर दी जायेगी. जहां समरसेबल लगा हुआ है वहां भी बिजली सेवा शुरू कर दी जायेगी. पूरी तरह से जल चुके घरों में कनेक्शन देने में खतरा की संभावना है. आम लोगों को कनेक्शन देने में अभी एक दो दिनों को समय लगेगा.

शुक्रवार को भी जगह-जगह सुलगती रही आग :

गुरुवार को देर रात तक आग पर काबू तो पा लिया गया, लेकिन आग पूरी तरह से बुझ नहीं सका. शुक्रवार को कई जगहों पर भूसा, घर तथा अन्य सामानों में आग सुलगती रही. आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए घटनास्थल पर दो फायर बिग्रेड को तैनात कर रखा गया है. सुलग रही आग की सूचना पर फायर बिग्रेड पहुंचकर आग बुझा रही थी. वहीं दोपहर के समय दुलौर डीह पर आग सुलगने से लोगों में एक बार फिर से अफरा-तफरी को माहौल हो गया. लोग डीह की ओर भागने लगे. मौके पर तैनात फायर बिग्रेड की टीम ने आग पर काबू पाया. मालूम हो कि अगलगी की इस घटना में हजारों हरे भरे पेड़ पौधे, केला का बगान, परवल, मक्के और जनेर की फसल सहित बांसबाड़ी आदि भी जल गये. अगलगी इतनी भयंकर थी कि कच्चा गोबर भी सुलग कर आग बन गया था.

प्रशासन की ओर से मिले प्लास्टिक के नीचे रहने विवश लाेग :

हृदय विदारक अगलगी की घटना ने लोगों से अशियाना के साथ सबकुछ छीन लिया. इस स्थिति में लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है. प्रशासन की ओर से प्लास्टिक सीट उपलब्ध कराई गयी है. उसी के नीचे पीड़ित अपने बाल बच्चे और पशुओं के साथ रहने को विवश है. तेज धूप और तेज पछुआ हवा में प्लास्टिक के नीचे रहना खुले आसमान के नीचे रहने जैसा है. लोगों को काफी परेशानी हो रही है. लेकिन लोग करें तो क्या करें, आपदा की इस घड़ी में कोई ठोस उपाय भी नहीं दिख रहा है. वहीं कुछ लोग अपने सगे संबंधियों के सहयोग से उपलब्ध कराए गये बांस बल्ले के सहारे अपने अशियाने को फिर से खड़ा करने में जुटे है.

झुलसे लोगों को चल रहा इलाज, जलकर मरी बकरी से निकल रही बदबू :

अगलगी की घटना में 65 वर्षीय देव कुमार सहनी और 35 वर्षीय रिंकू देवी बुरी तरह से झुलस गयी. दोनों को शिविर में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर रेफर कर दिया गया. गंभीर स्थिति को देखते हुए दोनों को पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. जहां दोनों का इलाज जारी है. वहीं घटनास्थल पर जलकर मरी सैंकड़ों बकरियों से बदबू निकल रही है. मालूम हो कि इस घटना में सैंकड़ों बकरियों की झुलसने से मौत हो गयी थी. शुक्रवार को लोग खुद को संभालने में जुटे थे. जली हुई बकरी जहां की तहां पड़ी हुई थी, जिससे बदबू निकल रही थी .

तेज धूप व गर्मी से बढ़ रही अगलगी की घटनाएं :

तेज धूप एवं गर्मी के बीच पछुआ हवा के कारण आग ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बीते एक पखवाड़े में दो दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. कहीं बड़ी मात्रा में फसलें राख हुई हैं तो कहीं आशियाने खाक हो गये है. वहीं राघोपुर और पातेपुर में झुलसने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में विशेष सजगता बरतने की जरूरत है. सामूहिक जागरूकता से ही ऐसी घटनाओं में नुकसान की स्थित को कम किया जा सकेगा. इसके लिए जरूरी है कि दिन का खाना 9 बजे सुबह से पहले तथा रात का खाना शाम 6 बजे तक बना लें. कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग नही लगाएं. हवन आदि का काम सुबह निपटा लें. भोजन बनाने के बाद चूल्हे की आग पूरी तरह से बुझा दें. रसोई घर यदि फूस का हो तो उसकी दीवार पर मिट्टी का लेप अवश्य कर दें. रसोई घर की छत ऊंची रखें. आग बुझाने के लिए बालू अथवा मिट्टी बोरे में भरकर तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें. फायर बिग्रेड एवं प्रशासन को तुरंत सूचित करें और उन्हें आग बुझाने में सहयोग करें. अगर कपड़ों में आग लगे तो रूको-लेटो-लुढ़को सिद्धांत का प्रयोग करें.

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