hajipur news. तापमान गिरने से सदर अस्पताल में 50 प्रतिशत तक बढें मरीज, बीपी के मरीजों को सतर्क रहने की अपील

पिछले कुछ सप्ताह में जिले में सदर अस्पताल और निजी क्लिनिकों में खांसी, सांस फूलना, सीने में जकड़न और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ी है

By SHEKHAR SHUKLA | December 12, 2025 5:48 PM

हाजीपुर.

दिसंबर शुरू होते ही तापमान अचानक गिरने से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगी हैं. दिन में धूप निकल रही है, जिससे राहत है, वहीं सुबह और शाम की कनकनी व हल्के कुहासे के कारण मौसम के बदलाव का लोगों के स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ रहा है. पिछले कुछ सप्ताह में जिले में सदर अस्पताल और निजी क्लिनिकों में खांसी, सांस फूलना, सीने में जकड़न और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ी है. चिकित्सकों के अनुसार मरीजों में 50 से 55 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. सदर अस्पताल में बीते एक सप्ताह से मरीजों की संख्या बढ़ गई है. 10 दिसंबर को 223, 11 दिसंबर को 189 और 12 दिसंबर को 178 मरीज सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे. इनमें अधिकांश मरीज वायरल फीवर से पीड़ित थे, साथ ही रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. शुक्रवार को सदर अस्पताल की ओपीडी में मरीजों के पंजीकरण के लिए बनाए गए काउंटर पर सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी.

ठंड के मौसम में बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

सदर अस्पताल के ओपीडी वार्ड में ड्यूटी में तैनात डॉक्टर डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि अभी के समय में वायरल संक्रमण के साथ-साथ ब्रेन स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं. ठंड में बीपी (ब्लड प्रेशर) के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए, खासकर बुजुर्गों और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को. स्ट्रोक के सबसे ज्यादा मामले दिसंबर और जनवरी के महीने में देखे जाते हैं.

ठंड में दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. सीने में दर्द और छाती संबंधी कुछ बीमारियां जैसे अनियमित धड़कन, एट्रियल फिब्रिलेशन, हार्ट अटैक, हार्ट इंफेक्शन, अस्थमा, यहां तक कि ब्रेन स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ सकता है. दिल और अस्थमा के रोगियों को सर्दियों में विशेष सावधानी रखनी चाहिए. बीपी बढ़ता है और हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का खतरा होता है, इसलिए दवा नियमित लें, नमक, तला-भुना खाने से बचें और नियमित व्यायाम करें.

वहीं वायरल फीवर किसी वायरस के संक्रमण से होने वाला बुखार है. यह आमतौर पर मौसम बदलने, बारिश या सर्दी में अधिक फैलता है. यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, छींकने या खांसने से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. मरीज मास्क लगाकर ही बाहर निकलें और ठंडी हवा से बचें. सुबह और देर शाम अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें.

हार्ट अटैक के लक्षण

सीने में दर्द या भारीपनसांस लेने में दिक्कतठंडा पसीना आनाचक्कर आनागर्दन, कंधे या बांह में दर्द

ब्रेन स्ट्रोक के मुख्य लक्षण

हाथ, पैर या चेहरे का अचानक सुन्न होना या कमजोर महसूस करना. बोलने या समझने में कठिनाई हाई बीपी (140/90 mmHg या अधिक)

अचानक चक्कर आना, लड़खड़ाना या चलने में दिक्कत होना.

हार्ट अटैक का खतरा से बचाव के उपाय

गर्म रहें पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और देर शाम को बाहर जाने से बचें, नियमित व्यायाम करें, लेकिन ज़्यादा ठंड में भारी वर्कआउट न करें नमक, चीनी और वसा कम करें, ज़्यादा फल, सब्ज़ियां और लीन प्रोटीन लें नियमित रूप से पानी पिएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन से दिल पर दबाव पड़ता है

तनाव से बचें

यदि ये लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है