hajipur news. अपग्रेड के बाद भवन बना, उद्घाटन भी हुआ, लेकिन नहीं मिला सीएचसी का दर्जा, आज भी मिल रही पीएचसी वाली सुविधाएं

देसरी पीएचसी के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन छह सितंबर 2024 को किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की फाइल आज भी सचिवालय में अटकी हुई है

By Shashi Kant Kumar | June 16, 2025 5:59 PM

देसरी. देसरी पीएचसी को अपग्रेड कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मंजूरी दी गयी. भवन भी बनकर तैयार हुआ और उद्घाटन भी हो गया. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की फाइल आज भी सचिवालय में अटकी हुई है. जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को पीएचसी वाली सुविधा ही मिल रही है. परिणाम है कि अस्पताल डॉक्टर, स्वास्थ्य जांच सुविधा, दवा, स्वास्थ्य कर्मी आदि की कमी का दंश झेल रहा है.

पीएचसी को अपग्रेड कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की घोषणा के बाद भवन भी बनकर तैयार हो गया. नवनिर्मित भवन का उद्घाटन छह, सितंबर 2024 को किया गया. उसके बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विभाग की ओर से अब तक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं करायी गयी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सभी पॉलिसी का निर्धारण एवं ऑर्गेनाइजेशन स्पेसिफिकेशन बिहार सरकार के स्वास्थ्य सचिवालय के अधीन है. कार्यकारी आदेश नहीं मिलने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनने के बाद भी क्षेत्र के लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

चिकित्सकों के छह पद स्वीकृत, पर तैनात मात्र तीन

स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों का छह पद स्वीकृत हैं. लेकिन, वर्तमान में मात्र तीन चिकित्सक तैनात हैं. क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाओं की आबादी होने के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में एक भी महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं की गयी है. जिससे प्रसव का कार्य एएनएम के भरोसे है. चिकित्सकों ने बताया कि पहले यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ कुमारी रूही की तैनाती की गयी थी. बाद में उन्हें लालगंज में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया. दूसरी ओर यहां तैनात डॉ विनय कुमार की चेहराकला प्रखंड के ताल सेहान में प्रतिनियुक्ति की गयी है. यहां महिला एवं शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के एक-एक पद स्वीकृत हैं, पर तैनात एक भी नहीं है. डेंटल चिकित्सक उपलब्ध है.

तीन मंजिला भवन में चल रहा सीएचसी

देसरी पीएचसी का संचालन नवनिर्मित तीन मंजिले भवन में हो रहा है. प्रतिदिन औसतन 80 से सौ मरीज इलाज कराने पहुंचते है. अस्पताल में प्रतिदिन एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है. वहीं, राज्य सरकार के द्वारा पीएचसी में 290 दवा उपलब्ध कराने की जगह 250 प्रकार की दवा उपलब्ध हैं. एंटी रेबीज की दवा उपलब्ध है. सांप काटने पर उसके इलाज के लिए सुई उपलब्ध है. मरीजों को 18 प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध है. दो एंबुलेंस चालू हालत में है. इमरजेंसी सुविधा भी उपलब्ध है. इलाज कराने पहुंचे देवेंद्र राय ने बताया कि उनको कमर में दर्द था. पहले गांव में चिकित्सकों से इलाज करवाया, लेकिन सुधार नहीं हुआ. यहां इलाज कर दवा दी गयी है.

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