hajipur news. चौक-चौराहों पर तेज हुई ‘कौन आगे-कौन पीछे’ की बहस

महनार विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में 66.71 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया

By GOPAL KUMAR ROY | November 7, 2025 6:03 PM

महनार. गुरुवार को महनार विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में 66.71 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया. मतदान खत्म होने के बाद भी इलाके में चुनावी जोश थमा नहीं. शुक्रवार की सुबह महनार का हर चौक-चौराहा चर्चा से गूंज रहा था. चाय की दुकानों से लेकर खेतों की मेड़ तक, हर जगह एक ही सवाल था कि “कौन आगे, कौन पीछे?” बाजारों में भीड़ सामान्य थी, लेकिन बातचीत का केंद्र चुनाव ही बना हुआ था. कोई आत्मविश्वास से अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहा था, तो कोई बूथवार समीकरण समझा रहा था. कई जगह युवाओं ने मोबाइल पर मतदान प्रतिशत और रुझान के आंकड़े खंगाले.

मतदान में दिखा जबरदस्त उत्साह

गुरुवार को मतदान के दौरान लोगों का उत्साह देखने लायक था. सुबह से ही बूथों पर लंबी कतारें लग गई थी. महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर वोट देने पहुंचीं, बुजुर्गों ने लाठी के सहारे मतदान किया और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं में जोश साफ दिखा. इस बार मतदान प्रतिशत पिछली बार से अधिक रहा. प्रशासन की सतर्कता और मतदाताओं की जागरूकता ने इसे खास बना दिया. हर बूथ पर सुरक्षा बलों की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी और संवेदनशील केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था से मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ.

मतदान खत्म होते ही प्रत्याशियों के कैंपों में गतिविधि तेज हो गई. कार्यकर्ताओं से लगातार बूथवार फीडबैक लिया जा रहा था. फोन लगातार बज रहे थे कोई आंकड़े जोड़ रहा था, तो कोई समर्थकों से संपर्क में था. सोशल मीडिया पर भी महनार चुनाव ट्रेंड कर रहा था. लोग अपने इलाके का मतदान प्रतिशत साझा कर रहे थे और चर्चाओं में दावा कर रहे थे कि इस बार “हवा बदल चुकी है.”

गांव से शहर तक चर्चा का माहौल

शुक्रवार की सुबह से ही महनार नगर के चौक-चौराहों और चाय की दुकानों पर टोलियां जुटी. बहस चल रही थी कि इस बार कौन बाजी मारेगा?” बस स्टैंड पर बैठे यात्रियों से लेकर रिक्शा चालकों तक, सब चुनावी चर्चा में व्यस्त दिखे. गांवों में चौपालों पर बूथवार अनुमान लगाए जा रहे थे. महिलाएं भी पीछे नहीं रही. घर के आंगन में सब्जी काटते हुए कहती सुनी गईं कि हमने सोच-समझकर वोट दिया है, अब देखिए क्या होता है.

अब सबकी निगाहें मतगणना पर

मतदान के बाद गांवों में भले माहौल सामान्य दिखा, लेकिन चर्चा अब भी हर घर में जारी है. खेतों में काम करते किसान हों या दुकानों पर बैठे व्यापारी सब मतगणना की तारीख का इंतजार कर रहे हैं. शाम ढलते-ढलते महनार की फिजा भले शांत हुई हो, लेकिन दिलों की हलचल कायम रही. प्रशासन ने सभी इवीएम को सील कर दिया है. अब बस इंतजार है 14 नवंबर कि उस सुबह का, जब मतपेटियों में बंद जनता का फैसला खुलेगा. महनार की जनता ने एक बार फिर लोकतंत्र की शानदार मिसाल पेश की है. शांतिपूर्ण, संयमित और उम्मीदों से भरे इस मतदान ने जनता की परिपक्वता और जागरूकता की गवाही दी है.

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