hajipur news. 2844 छात्रों की पढ़ाई की जिम्मेदारी मात्र 25 शिक्षकों पर, कई विषयों में एक की भी नियुक्ति नहीं
महुआ नगर परिषद क्षेत्र के वैशाली उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है
दिलीप कुमार, महुआ
महुआ नगर परिषद क्षेत्र के वैशाली उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है. विभागीय अधिकारियों से शिकायत के बावजूद छात्रों की संख्या के अनुसार पर्याप्त शिक्षकों की बहाली नहीं की जा रही है. इससे विद्यार्थियों समेत अभिभावकों में रोष व्याप्त है. जानकारी के अनुसार महुआ मुकुंदपुर गांव के मंगरू चौक पर स्थित वैशाली विद्यालय की स्थापना आजादी से पहले हुई थी. इस विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में सुनहरा इतिहास बनाया है. यहां से पढ़े कई छात्र अधिकारी, पदाधिकारी, विधायक और मंत्री के पद तक पहुंचे हैं. लेकिन वर्तमान में बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने विद्यालय को चिंता और चर्चा का विषय बना दिया है. इसी कारण यहां नामांकित बच्चों का भविष्य भी जोखिम में दिखाई दे रहा है.फिलहाल पल्स टू में 1800 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. इसमें वर्ग 11 में लगभग 910 और वर्ग 12 में 890 बच्चे पढ़ते हैं. इसके बावजूद शिक्षकों की संख्या न के बराबर है. विज्ञान संकाय में केवल गणित और जंतु विज्ञान के एक-एक शिक्षक उपलब्ध हैं, जबकि रसायन शास्त्र, भौतिकी शास्त्र और वनस्पति विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों में कोई शिक्षक नहीं है. आर्ट्स संकाय में भी हिन्दी, भूगोल, संस्कृत, मनोविज्ञान और राजनीतिक शास्त्र सहित कई विषयों के शिक्षकों की भारी कमी है. वहीं कॉमर्स संकाय में 81 छात्रों के लिए 3 शिक्षक पदस्थापित हैं. कुल मिलाकर पल्स टू में 1800 बच्चों पर मात्र 13 शिक्षक हैं. ऐसे में कई विषयों में पढ़ाई बाधित हो रही है और बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं. दूसरी ओर, माध्यमिक स्तर पर 1044 छात्र नामांकित हैं, जिसमें नौवीं में 563 और दसवीं में 481 बच्चे शामिल हैं.
जर्जर भवन से हो रही परेशानी
कमरे की कमी के कारण कक्षाओं के संचालन में हमेशा परेशानी बनी रहती है. आजादी से पहले बना विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. बारिश में पानी टपकने और गर्मी में तीखी धूप से बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. माध्यमिक स्तर पर भी सिर्फ 12 शिक्षक हैं, जो बच्चों के अनुपात में काफी कम है. इससे पठन-पाठन कार्य बाधित होता रहता है.
इसके अलावा विद्यालय परिसर में जल निकासी के लिए बने नाले पर अवैध निर्माण कर दिए जाने के कारण वर्षा के मौसम में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इससे परिसर की स्वच्छता और छात्रों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.स्कूल से पढ़े बड़े नाम
संजय सिंह(मंत्री, पीएचइडी)
आलोक मेहता(विधायक, उजियारपुर)शिवचंद्र राम(पूर्व मंत्री)
रविंद्र यादव(पूर्व विधायक)क्या कहते हैं बच्चे और शिक्षक
शिक्षकों की कमी के कारण कई विषयों की पढ़ाई नहीं होती है. जिस कारण बिना पढ़े ही घर लौटना पड़ रहा है.नीतू कुमारी छात्रा
विद्यालय में प्लस टू का भवन के साथ ही अन्य सुविधाएं तो है लेकिन साइंस संकाय में कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं है. जिस कारण पढ़ाई से वंचित हो रहे है.कोमल कुमारी, छात्रा
प्लस टू में साइंस और आर्ट्स संकाय में शिक्षकों की कमी के कारण कोचिंग में महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई करना पड़ता है. जिससे आर्थिक तंगी से भी जूझना पड़ रहा है.अजय कुमार, छात्र
रसायन और भौतिकी शास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षकों की कमी के कारण इन विषयों की जानकारी से वंचित होना पड़ रहा है. परीक्षा में क्या लिखेंगे समझ से परे है.गौरव कुमार, छात्र
प्लस टू में कई विषयों की शिक्षकों की कमी से संबंधित जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर शिक्षा विभाग के ई-कोष पर भी लिखित आवेदन की माध्यम शिकायत की गई है. फिर भी शिक्षकों की बहाली नहीं की जा रही है. जिस कारण परेशानी होती रहती है. बच्चों को किसी तरह सब्सिडी विषयों के शिक्षकों द्वारा संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जा रहा है.डॉ रामबालक यादव, प्राचार्यB
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