पंचदेवरी के राजापुर भाटटोली में सड़क के लिए ग्रामीणों ने उठायी आवाज, प्रदर्शन
पंचदेवरी. प्रखंड की कोइसा पंचायत का राजापुर भाटटोली इस विकास के दौर में भी पिछड़ा हुआ है. सड़क जैसी मूलभूत सुविधा आज तक इस गांव के लोगों को नहीं मिल सकी है.
पंचदेवरी. प्रखंड की कोइसा पंचायत का राजापुर भाटटोली इस विकास के दौर में भी पिछड़ा हुआ है. सड़क जैसी मूलभूत सुविधा आज तक इस गांव के लोगों को नहीं मिल सकी है. इसे लेकर ग्रामीणों में काफी असंतोष है. रविवार को गांव के लोगों ने सड़क को लेकर आवाज उठायी. एकजुट होकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. काफी देर तक गांव के लोग सड़क की मांग को लेकर आवाज बुलंद करते रहे. ग्रामीणों का कहना था कि आजादी के 78 वर्षों बाद भी यह गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. मुख्य सड़क तक जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. सकरी पगडंडी के सहारे आना-जाना होता है. बरसात में तो गांव से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है. पगडंडी पर पानी व कीचड़ भर जाता है. बाइक व साइकिल की बात तो दूर, पैदल भी आना-जाना मुश्किल हो जाता है. कई दशक से परेशानी झेल रहे ग्रामीण काफी आक्रोशित थे. ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव की आबादी करीब 15 सौ है. सड़क की समस्या यहां के लिए अभिशाप बनी हुई है. इस समस्या के समाधान के लिए आज तक किसी भी स्तर से पहल नहीं की गयी है. गांव से मुख्य सड़क की दूरी एक किलोमीटर से अधिक है. इतनी दूरी ग्रामीणों को पगडंडी के सहारे ही तय करनी पड़ती है. सहजाद आलम, तूफान राय भट्ट, मुंद्रिका राय भट्ट, साबिर राय भट्ट, भोला राय भट्ट, बाबूलाल राय भट्ट, मनीर राय भट्ट, मुस्लिम राय भट्ट, राजा हुसैन राय भट्ट सहित काफी संख्या में ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर घंटों आवाज उठाते रहे. मौके पर पहुंचे सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष बृज किशोर दुबे ने गांव की समस्या को पदाधिकारियों व स्थानीय नेताओं तक पहुंचाने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया. राजापुर भाटटोली की बदहाली गांवों के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़ा कर दे रही है. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के कारण गांव का शैक्षणिक व आर्थिक विकास भी बाधित है. अचानक किसी की तबीयत खराब हो जाती है, तो गांव तक एंबुलेंस भी नहीं जा पाती. मरीजों को खाट पर लेटाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है. शादी-विवाह में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. चार पहिया वाहन गांव में नहीं जा पाते हैं. बरात के लिए गांव से बाहर ही सारी व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के अभाव के कारण कई मायने में गांव का विकास प्रभावित हो रहा है. इस संंबंध में बीडीओ राहुल रंजन ने कहा कि इस समस्या की जांच करायी जायेगी. मुख्य सड़क से लेकर गांव तक यदि सरकारी जमीन होगी, तो सड़क बनवाने में कोई समस्या नहीं है. शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जायेगा. यदि सरकारी जमीन नहीं होगी, तो निजी जमीन में संबंधित किसानों की सहमति से ही सड़क निर्माण कार्य कराया जा सकेगा.
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