gopalganj news : मां सिंहासनी के दरबार में कल से उमड़ेगा आस्था का सैलाब, सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
gopalganj news : शारदीय नवरात्र कल से, अंतिम दौर में पहुंचा थावे मंदिर की तैयारियांनवरात्र के पहले दिन से बिहार, यूपी व नेपाल से जुटेंगे लाखों श्रद्धालुनवरात्र भर वीआइपी दर्शन पर रोक, बिना आइकार्ड के पुजारी को भी इंट्री नहीं
थावे. बिहार के प्रमुख सिद्धपीठ थावे में नवरात्र को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में पहुंच गयी है. शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है.
इस अवसर पर मां सिंहासनी का दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे. मंदिर परिसर की सजावट के साथ ही आसपास के दुकानदार भी अपने-अपने प्रतिष्ठानों को सजाने में व्यस्त हैं. मंदिर में रंग-रोगन का कार्य शुरू हो गया है. थावे में नवरात्र की पूजा को लेकर 15 दिन पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गयी थीं. मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा. भक्तों के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है. भक्तों के दर्शन में किसी तरह की कमी न रहे, इसके लिए खुद डीएम पवन कुमार सिन्हा, एसपी अवधेश दीक्षित व एसडीओ अनिल कुमार लगातार मॉनीटरिंग कर रहे. थावे पर्यटन का मुख्य केंद्र होने के कारण उसी तरह की तैयारी की जा रही. आने वाले भक्त मां का दिव्य दर्शन कर यहां से लौटें. नवरात्र भर वीआइपी दर्शन पर रोक लगा दी गयी है. आम व खास को कतार में लगकर दर्शन करेंगे. नवरात्र भर मां के चरण स्पर्श पर रोक लगा दी गयी है. मंदिर में पुजारियों को भी बगैर आइकार्ड के इंट्री नहीं मिलेगी.सीसीटीवी कैमरे से होगी मंदिर कैंपस की निगरानी
मंदिर कैंपस की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से होगी. मंदिर से लेकर गोलंबर तक हाइलेबल सुरक्षा का इंतजाम किया गया है. मजिस्ट्रेट के साथ जवानों को तैनात कर दिया गया है. इस वर्ष नवरात्र के 10 दिनों के होने से मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां भी उसी अनुरूप की जा रहीं. मंदिर के प्रबंधक अमरेंद्र दुबे ने बताया कि प्रशासन की ओर से दर्शन के लिए पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.अनुष्ठान के लिए दूर-दूर से पहुंचने लगे भक्त
थावे मां सिंहासनी के दरबार में अनुष्ठान के लिए भक्त दूर-दूर से पहुंचने लगे हैं. यहां पूरे नवरात्र भर रहकर मां की अराधना, अनुष्ठान करते हैं. मां के यहां इस वर्ष कई मंत्री व विधायकों का भी अनुष्ठान होना है. इसलिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं.10 दिनों का नवरात्र, गज पर आयेंगी मां दुर्गा
गोपालगंज. शारदीय नवरात्र इस बार 10 दिनों का होगा. चतुर्थी तिथि में बढ़ोतरी होने के कारण नौ के बजाय 10 दिनों तक शक्ति की आराधना भक्त करेंगे. नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है. अष्टमी का व्रत 30 सितंबर को और महानवमी एक अक्तूबर को मनायी जायेगी. दो अक्तूबर को माता को विदाई दी जायेगी. ज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि शारदीय नवरात्र इस बार 10 दिनों का होगा और 11वें दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जायेगा. 22 सितंबर को प्रतिपदा की शुरुआत भोर में 1:25 बजे होगी और अगले दिन मध्यरात्रि के बाद 2:57 बजे तक रहेगी. चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर को रहेगी. दो दिन चतुर्थी तिथि का मान रहेगा और मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा का पूजन होगा. इस बार माता का आगमन गज पर होगा और प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा. इस बार नवरात्र का योग देश और दुनिया के लिए सुखदायक है. इसके साथ ही शक्ति की आराधना का यह पर्व राष्ट्र के लिए उन्नति सूचक है. देश की संप्रभुता एवं प्रभाव बढ़ेगा.प्रतिपदा पर हस्त नक्षत्र में होगी घटस्थापना
शारदीय नवरात्र की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर होगी. इस दिन सुबह से ही हस्त नक्षत्र लग रहा है. इस दौरान कलश स्थापना बहुत शुभकारी मानी जाती है. इसके साथ इस दिन पूरे दिन शुक्ल योग भी मिल रहा है.यह भी जानें
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ : 21 सितंबर मध्यरात्रि 1.24 बजे सेप्रतिपदा तिथि समाप्त : 22 सितंबर मध्यरात्रि 2.55 बजेहस्त नक्षत्र : सुबह 11.55 बजे के बाद
घटस्थापना मुहूर्त
अमृत मुहूर्त : सुबह 6.19 बजे से 7.49 बजे तकशुभ मुहूर्त : सुबह 9.14 बजे से 10.49 बजे तकअभिजीत मुहूर्त : सुबह 11.55 से 12.43 बजे तक रहेगा
हाथी पर मां का आगमन सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक
पं ओम शास्त्री की माने तो मां दुर्गा का आगमन सोमवार के दिन हो रहा है, तो इस बार उनका वाहन हाथी है. मान्यता के अनुसार मां हाथी पर आती हैं, जो सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक है. दो अक्तूबर को माता को विदाई दी जायेगी और विजयादशमी मनायी जायेगी. नवरात्र में मां की आराधना करने से इंसान के जीवन के दुख मिट जाते हैं और उसके जीवन में सकारात्मकता के साथ ही शक्ति का संचार होता है.
शारदीय नवरात्रि तिथि
22 सितंबर – प्रतिपदा : मां शैलपुत्री
23 सितंबर – द्वितीय : ब्रह्मचारिणी24 सितंबर – तृतीया : मां चंद्रघंटा25 सितंबर – चतुर्थी : मां कूष्मांडा
26 सितंबर – चतुर्थी : मां कूष्मांडा27 सितंबर – पंचमी : मां स्कंदमाता
28 सितंबर – षष्ठी : मां कात्यायनी29 सितंबर – सप्तमी : मां कालरात्रि30 सितंबर – अष्टमी : मां महागौरी
01 अक्तूबर – नवमी : मां सिद्धिदात्री02 अक्तूबर : दशहरा
कलश स्थापना की सामग्री
शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है. नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर कलश की स्थापना की जाती है. इसके बाद शैलपुत्री माता की आराधना की जाती है. कलश स्थापना के लिए पंचपल्लव या आम की पत्तियों का पल्लव, मिट्टी के बर्तन, जौ, जल, साफ कपड़ा, नारियल, कलावा, रोली, सुपारी, गंगाजल, सिक्का, दूर्वा, गेहूं और अक्षत (चावल), हल्दी, पान के पत्ते और कपूर की जरूरत होती है.शारदीय नवरात्रि में पूजा सामग्री की लिस्ट
धूप, फूल-फल, पान, लौंग, इलायची, दुर्वा, कपूर, अक्षत, सुपारी, नारियल, कलावा, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, लाल चंदन, मां दुर्गा की तस्वीर, घी का दीपक और शृंगार का सामान नवरात्र की पूजा सामग्री में सम्मिलित किया जाता है.नवरात्र की शुरुआत में इन बातों का रखें ध्यान
-नवरात्र की शुरुआत में घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें.-घर के बाहर मां दुर्गा के स्वागत के लिए रंगोली बनाएं.
-देवी पूजा में सुहाग का सामान रखना न भूलें. जैसे- लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम, सिंदूर, लाल चूड़ियां, बिंदी, गहने.-नवरात्रि के अंतिम दिन किसी जरूरतमंद महिला को ये दान करें.
-दुर्गा मां की पूजा करते समय देवी मंत्र दुं दुर्गायै नमः का जप करें.-नवरात्रि में देवी मां के साथ छोटी कन्याओं की भी पूजा करें.
-जरूरतमंद बच्चियों की शिक्षा के लिए धन या अन्य सामान जरूर दें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
