सिधवलिया के स्कूलों में अगलगी की आपात स्थिति से निबटने की नहीं है कोई व्यवस्था, 27 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं स्कूलों में करते हैं पढ़ाई

एक तरफ जहां पछिया हवा के थपेड़ों से क्षेत्र में अगलगी की घटना बढ़ गई हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रखंड के विद्यालयों में आग लगने की आपात स्थिति से बचाव का कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है.

By AWEDHESH KUMAR RAJA | April 7, 2025 6:33 PM

सिधवलिया. एक तरफ जहां पछिया हवा के थपेड़ों से क्षेत्र में अगलगी की घटनाएं बढ़ गयी हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रखंड के विद्यालयों में आग लगने की आपात स्थिति से बचाव का कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है. सिधवलिया प्रखंड में कुल 87 विद्यालय हैं. इन विद्यालयों में 27963 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में रसोइघर भी है, जहां छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन बनाया जाता है. परंतु वर्ग कक्ष की कौन कहे, रसोईघरों में भी अग्निशामक यंत्र विभाग द्वारा नहीं लगाये गये हैं. सोमवार को करसघाट के मुखिया सह जदयू के प्रखंड अध्यक्ष ब्रजेश कुमार उर्फ मुन्ना कुंवर ने कई विद्यालयों का जायजा लिया, लेकिन कहीं भी अग्निशामक यंत्र नहीं पाये गये. मुखिया ने बताया कि सॉलिड फायर, लिक्विड फायर और इलेक्ट्रिक फायर के लिए अलग अलग अग्निशामक यंत्र का स्कूलों में उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप इसकी मांग की जायेगी.

2012 में स्कूलों में लगाये गये यंत्र हुए खराब

शिक्षा विभाग से इसकी जानकारी लेने पर पता चला कि 2012 में सभी विद्यालयों में अग्निशामक यंत्र लगाये गये थे. लेकिन अधिक समय हो जाने के कारण रखरखाव तथा संसाधनों की कमी के कारण सभी यंत्र डिफ्यूज हो गये हैं. वहीं जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार में चल रहे प्रखंड श्रम पदाधिकारी अमित कुमार सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इस विषय में उनको कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसी स्थिति है, तो उच्च अधिकारियों से बात कर अतिशीघ्र अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था विद्यालयों में करायी जायेगी.

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