महोत्सव के चौथे दिन शिव-पार्वती विवाह में उमड़ पड़ी श्रद्धालुओं की काफी भीड़
बरौली. प्रखंड के प्रसिद्ध डाक बाबू के शिवमंदिर में चल रहा शिव-पार्वती और राम-सीता विवाह महोत्सव अपने चरम पर है.
बरौली. प्रखंड के प्रसिद्ध डाक बाबू के शिवमंदिर में चल रहा शिव-पार्वती और राम-सीता विवाह महोत्सव अपने चरम पर है. महोत्सव के चौथे दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ. वहीं बारातियों में भूत, पिशाच, चुड़ैल, बैताल, हाकिनी-डाकिनी बने कलाकार दर्शकों के आकर्षण के केंद्र रहे. वहीं शिव-पार्वती के रूप में सजे कलाकारों पर लोगों की अटूट श्रद्धा देखी गयी. शिव-पार्वती का विवाह अयोध्या के सुग्रीव किले से पहुंचे विद्वान संत रामदासजी महाराज ने विधि-विधान से कराया. शिव-पार्वती का विवाह देखने के लिए शहर की महिलाएं व पुरुषों की भारी भीड़ उपस्थित रही. विवाह संपन्न कराते हुए विद्वान संत रामदासजी महाराज ने पूरी कथा सुनायी और कहा कि जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था, तो बड़ी सुंदर घटना हुई. उनकी शादी बहुत धूमधाम से हो रही थी और इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी. शिव जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे, एक दूसरी प्राणी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे. उनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग शामिल हुए. सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, असुर भी वहां पहुंचे थे. शिव पशुपति हैं, इसलिए सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए. यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे. उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी मगर यह तो शिव का विवाह था, इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बना लिया और यह बारात एक अनोखी बारात बन गयी. कई घटनाएं भी हुईं और शादी संपन्न हो गयी. महोत्सव के आयोजक बाल वैरागी महाराज ने बताया कि शहर के लोगों की इच्छा थी. उनकी इच्छा तथा भगवान शिव के आदेश पर यह कार्यक्रम संपन्न हो रहा है, जिसमें पूरे नगरवासियों से सहयोग मिल रहा है.
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