Gopalganj News : डेडलाइन हुई खत्म, 870 एमटी चावल नहीं मिलने से टेंशन में आया विभाग
Gopalganj News : धान खरीद में झोल अब सामने आ चुका है. तमाम सख्ती के बाद भी धन क्रय केंद्र एसएफसी को चावल की आपूर्ति नहीं कर पाये. सरकार की ओर से जारी डेट लाइन रविवार की शाम पांच बजे खत्म हो गयी.
गोपालगंज. धान खरीद में झोल अब सामने आ चुका है. तमाम सख्ती के बाद भी धन क्रय केंद्र एसएफसी को चावल की आपूर्ति नहीं कर पाये. सरकार की ओर से जारी डेडलाइन रविवार की शाम पांच बजे खत्म हो गयी. जिले के 189 क्रय केंद्रों में से 27 क्रय केंद्रों के पास 870 मीट्रिक टन चावल फंसा हुआ है. सहकारिता विभाग टेंशन में पड़ा हुआ है.
डीएम दे चुके हैं कड़ी चेतावनी
डीएम पवन कुमार सिन्हा की ओर से भी राइस मिल व क्रय केंद्रों को कड़ी चेतावनी दी जा चुकी है. चावल राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति होने पर क्रय केंद्रों पर कानूनी कार्रवाई भी तय मानी जा रही है. धान क्रय केंद्रों के पास अगर किसानों से धान 15 फरवरी तक खरीदा गया, तो आखिर पांच महीने तक राइस मिलों के पास तक धान क्यों नहीं पहुंचा.
फर्जीवाड़े की प्राथमिकी तय
बीसीओ के द्वारा धान खरीद का सत्यापन भी किया गया. अब धान अगर खरीदा गया, तो गोदाम से अचानक गायब कैसे हो गया. अब चावल नहीं जमा करने वाले क्रय केंद्रों पर फर्जीवाड़े की प्राथमिकी तय मानी जा रही है. डीएम के सख्त तेवर से बीसीओ पर एक्शन भी तय माना जा रहा है.
को-ऑपरेटिव बैंक की इस बार भी 3.5 करोड़ की राशि फंसी
जानकार सूत्रों ने बताया कि धान क्रय केंद्रों को एक लॉट चावल 29 एमटी के लिए 9.90 लाख रुपये का सीसी दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से दिया गया है. क्रय केंद्रों के पास लगभग बैंक का 3.5 करोड़ का सीसी ऋण राशि इस वर्ष भी फंसा हुआ है. वहीं बैंक के सीसी ऋण की गारंटर सरकार है. पिछले वर्ष लगभग दो करोड़ का सीसी क्रय केंद्रों के पास फंसा था. ऐसे में अब 3.5 करोड़ की राशि क्रय केंद्रों में फंसी हुई है. बैंक ग्राहकों की ओर से जमा करायी गयी राशि से ऋण दिया गया था. जब राशि क्रय केंद्रों के पास फंसी, तो अब बैंक को सीधी क्षति उठानी पड़ रही है. जब सरकार गारंटर है, तो बैंक को राशि दी जाये. सरकार क्रय केंद्रों पर राशि वसूली के लिए कार्रवाई करे.
क्रय केंद्रों के धान को बीसीओ कर चुके हैं सत्यापित
किसानों ने धान खरीदने के बाद बीसीओ के द्वारा धान खरीद का सत्यापन कर चुके हैं. किसानों से खरीदे गये धान को राइस मिल में उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पैक्स की है. राइस मिल से चावल तैयार होने के बाद जब उसे एसएफसी को उपलब्ध करायेंगे, तो एसएफसी की ओर से चावल की राशि पैक्स को ट्रांसफर किया जायेगा. राशि के आने के साथ ही किसानों के खाते में पैक्स राशि को भेजेगी. किसानों को दिक्कत ना हो इसके लिए क्रय केंद्रों को एक लॉट चावल के लिए नौ लाख का सीसी दी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक से मिला चुका है.
चावल नहीं देने वाले क्रय केंद्रों पर होगी बड़ी कार्रवाई : डीएम
डीएम पवन कुमार सिन्हा से संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि अभी विभाग की रिपोर्ट मांगी गयी है. जिन क्रय केंद्रों के द्वारा चावल की आपूर्ति नहीं की गयी है, उनपर बड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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