बच्चों को मस्तिष्क ज्वर व वायरल इन्सेफेलाइटिस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेंगी आशा
कटेया रेफरल अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम व जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर प्रखंड की सभी आशा को प्रशिक्षित किया गया.
कटेया. कटेया रेफरल अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम व जापानी इन्सेफेलाइटिस को लेकर प्रखंड की सभी आशा को प्रशिक्षित किया गया.. बच्चों में इस बीमारी को बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार यह प्रशिक्षण दिया गया. आशाओं को प्रशिक्षण देने के दौरान बीएमसी के राजीव कुमार ने चमकी को धमकी, खिलाओ जगाओ, अस्पताल ले जाओ के बारे में बताया. साथ साथ एइएस/जेइ के लक्षण रोकथाम व उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एइएस एक मस्तिष्क की बीमारी है, जो तेज बुखार व अन्य लक्षणों के साथ होती है. यह जानलेवा भी हो सकती है. जेइ एक वायरल इन्सेफेलाइटिस है. यह मच्छरों के काटने से फैलता है और यह भी एक जानलेवा बीमारी है. सभी आशा से अपील की गयी कि अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इसकी जानकारी दें कि अभिभावक अपने बच्चों को कड़ी धूप में न निकलने दें तथा अपने बच्चों को कच्चे या अधपके फल न खिलाएं. अपने आसपास गंदगी व जलजमाव नहीं होने दें. सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं और बच्चों को रात में खाली पेट नहीं सुलाएं तथा खाने के साथ अपने बच्चों को कुछ मीठा अवश्य खिलाएं. इस दौरान सभी आशा ने इस बीमारी से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने का संकल्प लिया. इसी के साथ सभी आशा को हाथ धोने की विधि, ओआरएस का घोल बनाने की विधि, स्वच्छता एवं सफाई के बारे में भी बताया गया. इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भगवान लाल सिंह, बीएचएम अजीत कुमार, बीसीएम विजय कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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