बंद कमरे में अंगीठी व ब्लोअर से घुट सकता दम

गोपालगंज : ठंड से बचने को बंद कमरे में कोयले की अंगीठी, ब्लोअर और हीटर जला कर रात को भूल कर भी न सोएं. इनसे निकलने वाली जहरीली गैसों से दम घुट सकता है. सदर अस्पताल के डॉ एसके झा बताते हैं कि अगर रात में कमरे में अंगीठी, ब्लोअर या हीटर जला कर सोएं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2016 4:10 AM

गोपालगंज : ठंड से बचने को बंद कमरे में कोयले की अंगीठी, ब्लोअर और हीटर जला कर रात को भूल कर भी न सोएं. इनसे निकलने वाली जहरीली गैसों से दम घुट सकता है. सदर अस्पताल के डॉ एसके झा बताते हैं कि अगर रात में कमरे में अंगीठी, ब्लोअर या हीटर जला कर सोएं, तो खिड़कियां व दरवाजे खोल कर रखें. अंगीठी की आग एवं धुएं से कार्बन डाई आॅक्साइड एवं कार्बन मोनो आॅक्साइड गैस निकलती है. कार्बन मोनो आॅक्साइड गैस हेमोग्लोबिन में आॅक्सीजन की अपेक्षा 250 गुना अधिक घुलनशील है. रक्त में घुलने से मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं. सांस लेने में भी तकलीफ होती है.

फेफड़े में जहरीली गैस भरने से नर्वस सिस्टम फेल होने से मौत भी हो सकती है. इसी तरह ब्लोअर से गरम हवा निकली है, जबकि हीटर ताप उत्पन्न करता है. इससे कमरे की नमी खत्म हो जाती है. फेफड़े में कार्बन डाई आॅक्साइड की मात्रा बढ़ने से घुटन होती है. आंखों में जलन, त्वचा सूखना एवं खुजली होती है. इसलिए बंद कमरे में अंगीठी, ब्लोअर एवं हीटर जला कर सोना जानलेवा हो सकता है.