JDU के पूर्व नेता की गोली मारकर हत्या, गोपालगंज में अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम

गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज जिले में बेखौफ अपराधियों ने एक सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया है. जानकारी के मुताबिक, जिले के रसूखदार और पूर्व जदयू नेता टीपी सिंह की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है. टीपी सिंह का पूरा नाम तेज प्रकाश सिंह है. घटना की सूचना के बाद पुलिस ने शव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 8, 2017 10:53 AM

गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज जिले में बेखौफ अपराधियों ने एक सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया है. जानकारी के मुताबिक, जिले के रसूखदार और पूर्व जदयू नेता टीपी सिंह की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है. टीपी सिंह का पूरा नाम तेज प्रकाश सिंह है. घटना की सूचना के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रथम दृष्टया घटना का कारण पुरानी रंजिश और जमीनी विवाद बताया जा रहा है, हालांकि अभी तक कुछ खास सबूत पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है. हत्या के दौरान अपराधियों ने कई राउंड गोलियां चलायी हैं.

मामला जिले के नगर थाना स्थित साधु चौक के वार्ड नंबर तीन की बतायी जा रही है. मृतक पूर्व जदयू नेता गोपालपुर थाना क्षेत्र के गुलौरा गांव के रहने वाले बताये जा रहे हैं. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मृतक टीपी सिंह पर भी कई मामले दर्ज हैं. 60 वर्षीय टीपी सिंह को इलाके में काफी रसूखदार और दबंग बताया जा रहा है, पूर्व में कई कांड के लिए उनके ऊपर मामला दर्ज किया गया था. गुरुवार देर रात अपने रिश्तेदार के यहां से लौटथे.

परिजनों ने कहा कि जब टीपी सिंह को मारने के लिए सबसे पहले अपराधियों ने गोलीबारी कर दहशत का माहौल कायम किया. अपने घर में मौजूद टीपी सिंह जब उसका जायजा लेने अपने छत पर पहुंचे, उसी वक्त अपराधियों ने उन पर गोली चला दी. घटनास्थल से कई कारतूस के खोखे बरामद किये गये हैं. गोलीबारी की इस घटना की खबर नगर थाने को नहीं मिल सकी. घटना के बाद इलाके के लोग दहशत में हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि अब टीपी सिंह के लोग भी इस हत्या का बदला लेने के लिए नयी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

वहीं पूर्व जदयू नेता के बेटे निकेश ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पूरा मामला जमीन विवाद का है. उनकी पुस्तैनी जमीन है, जिसको लेकर टीपी सिंह ने स्थानीय थाने को सूचित किया था. बेटे ने कुख्यात भीखू चौधरी पर आरोप लगाते हुए इस हत्या के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार करार दिया है. कुख्यातों में नारायण श्रीवास्तव, उपेंद्र पांडेय सहित सुरेश यादव शामिल हैं. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

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