मगध मेडिकल अस्पताल में व्याप्त कमियों से रू-ब-रू हुए विकास आयुक्त
विकास आयुक्त ने शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम व पशुपालन योजनाओं की समीक्षा की
विकास आयुक्त ने शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम व पशुपालन योजनाओं की समीक्षा की
गया जी. विकास आयुक्त मिहिर कुमार सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम व पशुपालन विभागों के संचालित कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति के संबंधों में समीक्षा हुई. इससे पहले विकास आयुक्त ने जय प्रकाश नारायण अस्पताल, प्रभावती अस्पताल, आइटीआइ, पॉलिटेक्निक, डीआरसीसी केंद्र का निरीक्षण किया.बैठक में विकास आयुक्त ने कहा कि जनकल्याण से जुड़े हुए सभी कार्य राज्य सरकार द्वारा काफी बड़े पैमाने पर लगातार किये जा रहे हैं. इसका परिणाम है कि आमजनों को काफी लाभ मिल रहा है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि मगध मेडिकल अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में रोगी अपना उपचार ले रहे हैं. मगध मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में बेड की पूरी उपलब्धता है. हर दिन 1500 से दो हजार मरीजों का ओपीडी किया जा रहा है. हर दिन 300-400 मरीज भर्ती होते हैं, जिनका उपचार होता है. हर विषय के लिए अपना अपना आपरेशन थियेटर है. उन्होंने विकास आयुक्त से अनुरोध किया है कि आकस्मिकी बिल्डिंग को बीएमएआइसीएल द्वारा अधर्निर्मित हालात में भवन को छोड़ दिया है, जिसके कारण मरीजों को भर्ती कर उपचार में थोड़ी समस्या आ रही है. अधीक्षक ने बताया कि सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में अच्छे से मरीजों को उपचार दिया जा रहा है. सारे इक्विपमेंट उपलब्ध है मैनपावर भी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में मगध मेडिकल अस्पताल में जलजमाव की समस्या बनी रहती है. जिससे निजात के लिए अनुरोध किया गया. इसके अलावा अल्ट्रासाउंड व्यवस्था को बहाल करने का भी अनुरोध किया गया.सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान ह्यूमन रिसोर्सेज के संबंध में सभी अस्पतालों का जानकारी विस्तार से अवगत कराया. विकास संयुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि राज्य सरकार द्वारा जितने प्रकार की दवाएं जिले को उपलब्ध करा रही है. उन सभी दावों को बेहतर तरीके से सभी अस्पतालों में वितरण करवाये एवं मरीजों को दवा मिले. इसके अलावा कुत्ता काटने एवं सांप काटने से बचाव संबंधित दावों को पूरी उपलब्धता रखें और अपने अन्यत्र सभी सरकारी अस्पतालों को भी दवाएं उपलब्ध कराये. विकास आयुक्त ने निर्देश दिया है कि निजी अस्पतालों में जितने भी प्रसव कराये जा रहे हैं, उन शिशु का भी रिकार्ड संधारित करने की व्यवस्था रखे.
प्राइमरी स्कूल में पठन-पाठन पर दिया विशेष जोर
शिक्षा विभाग के समीक्षा के दौरान विकास आयुक्त ने कहा कि सभी सरकारी विद्यालयों में सुचारू रूप से शिक्षण कार्य संचालन हो. प्राइमरी स्कूल पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इन विद्यालयों में बेहतर तरीके से पठन-पाठन कार्य हो. राज्य सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को दिए जाने वाली सुविधाओं को हर हाल में बच्चों को उपलब्ध करवाये। सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति पूरी रहे, इसके लिये लगातार बच्चों को जागरूक करवाते रहे. पशुपालन विभाग की समीक्षा में विकास आयुक्त ने कहा कि जिले के सभी 57 पशु अस्पताल को क्रियाशील रखे. सभी जगहों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित रखे. सभी पशु अस्पताल में 44 प्रकार की दवाएं भी मौजूद रखे. मोबाइल पशु उपचार वाहनों को लगातार गांव गांव भ्रमणशील रखे. कही से भी कोई पशु उपचार की सूचना आने से तुरंत रेस्पॉन्स दे.प्रवासी मजदूरों की सूची करें तैयार
श्रम विभाग की समीक्षा में विकास आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रवासी मजदूरों को सूची लिस्ट तैयार रखे, ताकि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उनको दिया जा सके. प्रवासी व स्थानीय मजदूर के रजिस्ट्रेशन की भी जानकारी ली. बताया गया कि इ-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जाता है. कुशल युवा प्रोग्राम की समीक्षा में निर्देश दिए हैं कि जिले में संचालित सभी 65 केंद्रों की नियमित जांच करवाएं की समय पर सभी सेन्टर खुल रहे एवं ट्रेनिंग देने का कार्य की जा रही है. इस बैठक में डीएम शशांक शुभंकर, सहायक समाहर्ता, सिविल सर्जन, अधीक्षक मगध मेडिकल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.
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