गोपाल लाल सिजुआर की जन्मशती पर कार्यक्रम 13 को
ब्रज भाषा के अंतिम कवि के रूप में अपनी छाप छोड़ने वाले गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के पूर्व सभापति हिंदी, मगही, अंग्रेजी के कवि गोपाल लाल सिजुआर का जन्म 1925 ई में हुआ था.
गया. ब्रज भाषा के अंतिम कवि के रूप में अपनी छाप छोड़ने वाले गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के पूर्व सभापति हिंदी, मगही, अंग्रेजी के कवि गोपाल लाल सिजुआर का जन्म 1925 ई में हुआ था. उनके जन्म के 100 वर्ष पूरे होने पर सिजुआर भवन चांदचौरा में 13 अप्रैल की शाम में हीरक जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया जायेगा. इस अवसर पर परिचर्चा के साथ कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा, जिसमें गया के अलावा नवादा, जहानाबाद, शेखपुरा, औरंगाबाद के कवि अपनी कविता का पाठ करेंगे. कार्यक्रम में पूर्व कुलपति डॉ रणजीत वर्मा और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष डॉ ब्रजेश कुमार उपस्थित रहेंगे. गोपाल लाल सिजुआर को समर्पित शास्त्रीय, उप शास्त्रीय व गायन का कार्यक्रम 16 अप्रैल को होटल मंत्रा रेसीडेंसी में आयोजित किया जायेगा, जिसमें पद्म भूषण से सम्मानित साजन मिश्र, वायलिन वादक संतोष नाहर, तबला वादक राजकुमार नाहर, हारमोनियम वादक धर्मनाथ मिश्र, सारंगी वादक विनायक सहाय शामिल होंगे. यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक राजन सिजुआर ने दी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
