पितृपक्ष मेला 2025 की तैयारी तेज! गयाजी में 43 जोन में बांटी गई जिम्मेदारी, सुबह 4 से इतने बजे तक रहेगी सबसे ज्यादा भीड़

pitru paksha 2025: गया में होने वाला पितृपक्ष मेला 2025 शुरू होने से पहले प्रशासन ने पूरी तैयारी तेज कर दी है. मेला क्षेत्र को 43 जोन में बांटकर अधिकारियों की तैनाती की गई है. साफ-सफाई, बिजली-पानी, सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन की सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.

By Abhinandan Pandey | September 4, 2025 8:21 PM

Pitru Paksha 2025: गया में आस्था और परंपरा से जुड़ा विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 नजदीक आते ही प्रशासन ने तैयारी का खाका खींच लिया है. इस बार मेला क्षेत्र को 43 जोन में विभाजित किया गया है. हर जोन की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और तकनीकी कर्मियों को सौंपी गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

डीएम-एसएसपी ने अधिकारियों संग की बैठक

जिलाधिकारी शशांक शुभंकर और एसएसपी आनंद कुमार ने प्रेक्षागृह सभागार में सभी जोन के अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत चर्चा की. डीएम ने स्पष्ट कहा कि पितृपक्ष मेला बिहार का सबसे बड़ा आस्था का आयोजन है, जिसे राज्य सरकार खुद मॉनिटर करती है. ऐसे में सभी विभागों को बिजली आपूर्ति, पेयजल, सफाई, सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा कि मेला शुरू होने से पहले और पूरे आयोजन के दौरान सभी पदाधिकारी रोजाना अपने-अपने क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे और पाई गई कमियों को तत्काल दूर करेंगे. इसके लिए उन्हें चेकलिस्ट भी उपलब्ध करवाई गई है, जिसमें मेला क्षेत्र की हर व्यवस्था की स्थिति दर्ज करनी होगी.

साफ-सफाई और स्वच्छता पर सख्त निर्देश

अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि घाटों और पिंडदान स्थलों पर सफाई सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो. पिंड सामग्रियों का उठाव तुरंत हो और इन्हें नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थल या डस्टबिन में ही डाला जाए. घाटों पर खुले में शौच और गंदगी की अनुमति नहीं होगी. नगर निगम के कर्मियों और स्वयंसेवी संगठनों को साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है.

दुकानों और फुटपाथों पर भी अतिक्रमण रोकने के आदेश दिए गए. दुकानदार सड़क पर फैलाव नहीं करेंगे और बाहर गंदगी जमा नहीं होने देंगे. किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारी को तुरंत कार्रवाई करनी होगी.

बिजली और पेयजल की लगातार निगरानी

मेला क्षेत्र में बिजली आपूर्ति और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. घाटों पर लगे वैपर लाइट की स्थिति की रोजाना जांच होगी. साथ ही, चापाकल और पेयजल व्यवस्था की भी समीक्षा प्रतिदिन होगी. पानी की कमी होने पर पीएचईडी और नगर निगम के अभियंताओं को तुरंत कार्रवाई करनी होगी.

ट्रैफिक और सुरक्षा की सख्त व्यवस्था

मेला के दौरान सबसे बड़ी चुनौती भीड़ और ट्रैफिक प्रबंधन की रहती है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वाहनों का आवागमन केवल निर्धारित मार्गों से ही हो. बसें केवल तय पड़ाव पर खड़ी होंगी, सड़क पर कहीं भी रोकने की अनुमति नहीं होगी. जहां भी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनेगी, वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी और पुलिस बल तुरंत कार्रवाई करेंगे. मेला क्षेत्र में बैरिकेडिंग, पुलिस शिविर और चेकिंग प्वाइंट भी बनाए जाएंगे.

आवास और स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर

श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बनाए गए आवास स्थलों पर साफ-सफाई, शौचालय और light व्यवस्था की नियमित जांच होगी. सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि मेला क्षेत्र में चूना, कीटनाशक और ब्लीचिंग पाउडर का नियमित छिड़काव किया जाए ताकि संक्रमण की आशंका न रहे.

लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

गया का पितृपक्ष मेला न केवल भारत बल्कि विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करता है. सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक मंदिरों और घाटों पर सबसे अधिक भीड़ रहती है. इसी वजह से पुलिस बल और स्वयंसेवी संगठनों को इस दौरान पूरी सतर्कता से काम करने का आदेश दिया गया है.

हर छोटी-बड़ी चुनौती पर नजर

डीएम ने कहा कि पितृपक्ष मेला के दौरान किसी भी समस्या को हल्के में नहीं लिया जाएगा. चाहे वह बिजली कटौती हो, सड़क पर गंदगी हो या ट्रैफिक जाम. हर स्थिति में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. मेला नियंत्रण कक्ष को हर बड़ी समस्या की सूचना तुरंत एसएमएस के जरिए देनी होगी.

Also Read: Bihar Election 2025: 40 साल लगे BJP को असफलता की धूल झाड़ने में, तब खिला था बिहार की इस विधानसभा सीट पर कमल