Gaya News : हड्डियां, किडनी और मस्तिष्क पर भी असर डाल सकता है टीबी

Gaya News : सीयूएसबी. जागरूकता कार्यक्रम में यक्ष्मा के लक्षण, कारण, रोकथाम व उपचार की दी जानकारी

By PANCHDEV KUMAR | March 27, 2025 10:08 PM

गया. सीयूएसबी के सेहत केंद्र के तत्वावधान में यक्ष्मा (टीबी) पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में सेहत केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत के नेतृत्व में इस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सीयूएसबी के चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीश कुमार मृदुल शामिल हुए. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ जावेद अहसन, डॉ अमृता श्रीवास्तव और डॉ चंद्र प्रभा पांडेय के साथ-साथ विभिन्न विभागों के प्राध्यापक तथा 120 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. डॉ अवनीश कुमार मृदुल ने यक्ष्मा के लक्षण, इसके होने के कारण, रोकथाम और उपचार पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यक्ष्मा एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियां, किडनी और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है. डॉ मृदुल ने कहा कि यक्ष्मा के प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना, बलगम में खून आना, तेजी से वजन घटना, रात में पसीना आना, भूख में कमी और लगातार थकान महसूस होना शामिल हैं. किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दे, तब तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. यक्ष्मा के रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि बीसीजी टीकाकरण, संतुलित आहार, भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचाव, मास्क पहनना और संक्रमित व्यक्ति का जल्द से जल्द इलाज कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है. सरकार द्वारा मुफ्त जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है, जिसे सभी लोगों को अपनाना चाहिए. इस अवसर पर सेहत केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य से बढ़कर कोई धन नहीं है और विश्वविद्यालय के सेहत केंद्र द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, ताकि विद्यार्थियों में विभिन्न बीमारियों और उनके रोकथाम के प्रति जानकारी बढ़ायी जा सके. उन्होंने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने और यक्ष्मा जैसी बीमारियों से बचाव हेतु आवश्यक कदम उठाने की अपील की.

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