मतदाताओं की चुप्पी से हर कोई जीत का कर रहा दावा
आज शाम थम जायेगा चुनाव प्रचार का शोर, 11 नवंबर को मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य पर लगायेंगे मुहर, 14 नवंबर को होगा फैसला
आज शाम थम जायेगा चुनाव प्रचार का शोर 11 नवंबर को मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य पर लगायेंगे मुहर, 14 नवंबर को होगा फैसला नीरज कुमार, गया जी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में गया शहर विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान होना है. इस क्षेत्र से 22 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. नामांकन के बाद से सभी उम्मीदवार अपनी चुनावी वादा व घोषणाओं का पुलिंदा लेकर मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं. चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, उम्मीदवारों का जनसंपर्क अभियान भी उसी रफ्तार से जोर पकड़ रहा है. गया शहर विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर मतदाता इस बार उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. वोट मांगने के लिए दरवाजे पर पहुंच रहे उम्मीदवारों को प्राय: सभी मतदाता उन्हें यह कह कर खुश कर रहे हैं कि बस आप ही को वोट देंगे. मतदाताओं की इस चुप्पी से चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवार अपनी ओर से जीत का दावा कर रहे हैं. मतदाताओं के इस आश्वासन के बाद उनका चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ लेता है. सुबह से लेकर देर रात तक सभी उम्मीदवार घर घर जाकर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित व पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. कोई जाम से शहर को निजात दिलाने का वादा कर रहा है, तो कोई शहर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा व रोजगार सृजन का आश्वासन दे रहा है. कोई तो यहां तक मतदाताओं को कह रहा है कि शहर की सभी समस्याओं को खत्म कर दिया जायेगा. समुचित जन बुनियादी सुविधाएं बहाल कर दी जायेगी. कोई भूखा नहीं रहेगा. सबको शिक्षा और रोजगार मिलेगा. इलाज के लिए शहर से बाहर नहीं जाना होगा पड़ेगा. हम फलां कर देंगे, फलां कर देंगे, फलां कर देंगे की घोषणाओं से मतदाताओं के कान पकने लगे हैं. मतदाताओं का कहना है कि हर चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा इसी तरह का लॉलीपॉप फेंका जाता है. चुनाव खत्म होते हैं, सरकार बनती है पर सुधार पर प्रश्न चिह्न लगा रहता है. अब आश्वासनों व लुभावने सपने से यहां के मतदाता ऊब चुके हैं. उम्मीदवारों पर से भरोसा टूट चुका है. चाहते हैं की सब कुछ ठीक हो. उम्मीदवारों की घोषणाएं व वायदे धरातल पर पहुंचे. समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे लोगों को भी हर तरह की बुनियादी सुविधाएं सुलभ हो सके. इन सब विषयों को लेकर मतदाताओं का मंथन अब भी जारी है. किन्हे वोट देना है- अधिकतर मतदाता अभी तक तय नहीं कर पाये हैं. 11 नवंबर को ही मतदाताओं की चुप्पी टूटने की उम्मीद है. इसी तिथि को शहर के मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य पर मुहर लगाकर अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे. रविवार को शाम से चुनाव प्रचार का शोर थम जायेगा.
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