डोभी स्वास्थ्य केंद्र : ठंड में सुविधाओं की किल्लत, शौचालय ताले पर, वार्ड गंदे
बढ़ती ठंड के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली ने मरीजों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं
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फोटो-गया डोभी- 03-कैप्सन :::: एक्स-रे विभाग के बाहर महिलाओं की लंबी कतार. बगल में ताला लगा शौचालय .,डॉक्टर ऋषि राज अपने केबिन में मरीजों का चेकअप करते, शुद्ध पेयजल के लिए लगाया गया आरो वाटर प्लांट बंद.ओमकार सिन्हा, डोभी
बढ़ती ठंड के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली ने मरीजों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. डोभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रुपये की लागत से बने भवनों में भी बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं. शनिवार दोपहर 12:40 बजे केंद्र पहुंचने पर चिकित्सक ऋषि राज अपने केबिन में मरीजों का इलाज करते मिले, जबकि चिकित्सक प्रभारी शिवशंकर शंकर झा अनुपस्थित थे. जानकारी मिली कि वे बोधगया में एक बैठक में शामिल होने गये हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों की भारी भीड़ थी. सबसे अधिक अव्यवस्था एक्स-रे विभाग में देखने को मिली, जहां महिलाओं की लंबी कतारें लगी रहीं. विभाग के बगल में बने महिला व पुरुष शौचालयों पर ताला लटका था. आगे प्रसव पूर्व वार्ड में गंदगी का अंबार लगा था. प्रसवोत्तर वार्ड में बजौरा गांव की पूजा देवी और मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के कारसपुरा गांव की मालती देवी अपने नवजात शिशुओं के साथ भर्ती थीं. वार्ड में बेड पर चादरें तक नहीं बिछी थीं और पूरा परिसर गंदगी से भरा हुआ था. मीडिया कर्मियों के आने की सूचना पर 12:59 बजे सफाईकर्मियों को वार्ड में भेजकर सफाई करायी गयी. स्वास्थ्य केंद्र में शुद्ध पेयजल के लिए लगाया गया आरओ वाटर प्लांट भी बंद पड़ा था. मजबूरी में मरीजों और उनके परिजनों को शौचालय के नल से पानी पीना पड़ रहा है. एक तीमारदार ने बताया कि ठंड में बीमार पड़ने पर इलाज के लिए यहां आते हैं, लेकिन सुविधाएं न मिलने से परेशानी और बढ़ जाती है. केंद्र में स्टाफ की कमी और रखरखाव के प्रति उदासीनता के कारण मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. डोभी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र की यह स्थिति गंभीर और चिंताजनक है. प्रशासन ने मामले की जांच कर आवश्यक सुधार का आश्वासन दिया है. वहीं मरीजों ने डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा सफाई और पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है.क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी
डोभी के चिकित्सक प्रभारी शिवशंकर झा से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चादर बिछाने और साफ-सफाई का कार्य ठेकेदार के माध्यम से कराया जाता है. पेयजल व्यवस्था और शौचालय बंद रहने के कारणों के बारे में मैनेजर ही जानकारी दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैनेजर से बात की जानी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
