ऑर्थों वार्ड में बेड पाने के लिए दिव्यांग ने रातभर जमीन पर गुजारी रात

एएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड से ट्रांसफर पाकर आर्थो वार्ड पहुंचा एक दिव्यांग को बेड पाने के लिए रात भर जमीन पर सोकर इंतजार करना पड़ा. बेड खाली होने पर किसी तरह वह बेड पर चढ़ गया. इसके बाद पर्ची नहीं जमा होने के चलते यहां डॉक्टर उसका इलाज शुरू नहीं कर सके.

By Prabhat Khabar | April 30, 2024 6:23 PM

गया.

एएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड से ट्रांसफर पाकर आर्थो वार्ड पहुंचा एक दिव्यांग को बेड पाने के लिए रात भर जमीन पर सोकर इंतजार करना पड़ा. बेड खाली होने पर किसी तरह वह बेड पर चढ़ गया. शहर के झीलगंज मुहल्ले के दिव्यांग नागेंद्र यादव का पैर चोट लगने के कारण टूट गया. इसके बाद वह 22 अप्रैल को जेपीएन हॉस्पिटल से रात में रेफर होकर एएनएमएमसीएच के इमरजेंसी में पहुंच गया. नौ दिनों के दौरान उसे कई बार वार्ड ट्रांसफर डॉक्टर ने लिखा, लेकिन ऑर्थो में बेड नहीं होने के कारण उसे वहां जगह नहीं मिल सकी. सोमवार को पांच मरीजों को ऑर्थो वार्ड से डिस्चार्ज किया गया. इसकी सूचना मिलते ही नागेंद्र परिजन के साथ वहां पहुंच गया. रात भर जमीन पर गमछा बिछा कर पड़ा रहा. इसके बाद डिस्चार्ज मरीज मंगलवार की सुबह बेड खाली किया, तो वह बेड पर काबिज हो गया. इसके बाद पर्ची नहीं जमा होने के चलते यहां डॉक्टर उसका इलाज शुरू नहीं कर सके. पीड़ित ने बताया कि यहां पर कई लोगों से मिन्नत की, लेकिन सभी ने उसके परिजन को डांट कर भगा दिया. इसके बाद इसकी सूचना उपाधीक्षक को दी. उनकी पहल पर यहां इमरजेंसी से आये पर्ची को जमा लिया गया. हालांकि इसकी सूचना मिलते ही ऑर्थो विभाग के हेड मरीज से मिलने पहुंचे. ऑर्थो विभाग के हेड डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि मरीज को बेड मिलने के बाद बीएचटी तुरंत ही रिसीव कर लेना चाहिए, ताकि उसका यहां इलाज शुरू किया जा सके. दिव्यांग होने के नाते मरीज पर अधिक ध्यान देना चाहिए. यहां की हालत किसी से छुपी नहीं है. उपाधीक्षक डॉ एनके पासवान ने कहा कि मरीज के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मरीज का बीएचटी जमा कर इलाज शुरू कर दिया गया है. आगे से सभी को ख्याल रखने की हिदायत दी गयी है.

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