बोधगया में बनेगा ‘दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बत एंड इंडियन एनशिएंट विजडम’, बौद्ध धर्मगुरु आज रखेंगे आधारशिला

बोधगया-दोमुहान रोड में मगध विश्वविद्यालय कैंपस के उत्तर करीब 10 एकड़ भूखंड पर बनने वाले दी दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एनसिएंट विसडम की आधारशिला मंगलवार को दलाई लामा रखेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2023 2:54 AM

तथागत बुद्ध की ज्ञानभूमि बोधगया में बनने वाले दी दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एनसिएंट विसडम के लिए भवन निर्माण की मंगलवार की सुबह बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा आधारशिला रखेंगे. बोधगया-दोमुहान रोड में मगध विश्वविद्यालय कैंपस के उत्तर करीब 10 एकड़ भूखंड पर सेंटर का निर्माण होगा. इस अवसर पर भारत सरकार के कानून व न्याय मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहेंगे.

कानून व न्याय मंत्री किरण रिजिजू भी होंगे शामिल

जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम स्थल पर बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा व मंत्री किरण रिजिजू सुबह 10 बजे पहुंच जायेंगे. इसके बाद नामग्याल बौद्ध मठ के लामाओं द्वारा सूत्तपाठ किया जायेगा. इसी दौरान दलाई लामा आधारशिला रखेंगे. सवा 10 बजे टेंपा छेरिंग द्वारा स्वागत भाषण दिया जायेगा. उसके बाद प्रो सामदोंग रिन्पोचे सेंटर के निर्माण के उद्देश्य व अन्य जानकारी से लोगों को परिचय करायेंगे.

किरण रिजिजू और दलाई लामा देंगे सम्बोधन 

इसके बाद साढ़े 10 बजे न्याय मंत्री किरण रिजिजू संबोधित करेंगे और उसके बाद दलाई लामा का संबोधन होगा. बौद्ध धर्मगुरु के संबोधन के बाद करमा चुंगदोक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया जायेगा. कार्यक्रम के मद्देनजर क्षेत्र की सुरक्षा काफी सख्त कर दी जायेगी व कुछ देर के लिए सड़क से आवाजाही भी बाधित होगी.

सेंटर निर्माण का उद्देश्य

दी दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एनसिएंट विसडम के निर्माण के उद्देश्य के संबंध में बताया गया कि यह विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान होगा. यहां अध्ययन करने वाले विश्व के किसी भी देश के छात्रों को मानव प्रकृति के विकास, दया, करुणा व धर्म से संबंधित शिक्षा दी जायेगी. छात्रों में वैश्विक सोच व जवाबदेही विकसित करने के साथ ही विश्व में अंतरर्धामिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने व शांति और अहिंसा का वातावरण तैयार करने की भावनाओं को विकसित किया जायेगा. यहां 14वें दलाई लामा के दर्शन व जीवन के चार आर्य सत्य का अध्ययन करने की भी सुविधा उपलब्ध होगी. इसके अलावा विश्व में सहिष्णुता वाले समाज की स्थापना किये जाने की दिशा में भी अध्ययन-अध्यापन का कार्य होगा.

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