करंट लगने से मगध विवि के रजिस्ट्रार की मौत, जलजमाव में हुई इस चूक ने ली जान…

बोधगया: मगध यूनिवर्सिटी के कुलसचिव प्रोफेसर राधेकांत प्रसाद का शुक्रवार की सुबह बिजली के करेंट से मौत हो गयी. वह गया के शाहमीर तक्या स्थित अपने निजी आवास पर इनवर्टर को ठीक कर रहे थे कि इसी दौरान बिजली के संपर्क में आने से गिर पड़े. आनन-फानन में उन्हें मगध मेडिकल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गयी.

By Prabhat Khabar | June 27, 2020 9:36 AM

बोधगया: मगध यूनिवर्सिटी के कुलसचिव प्रोफेसर राधेकांत प्रसाद का शुक्रवार की सुबह बिजली के करेंट से मौत हो गयी. वह गया के शाहमीर तक्या स्थित अपने निजी आवास पर इनवर्टर को ठीक कर रहे थे कि इसी दौरान बिजली के संपर्क में आने से गिर पड़े. आनन-फानन में उन्हें मगध मेडिकल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गयी. डॉ प्रसाद ने विगत 19 मार्च को मगध यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का पद संभाला था. साथ ही वह एमयू में कॉलेज निरीक्षक (कला) व होटल हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट के डायरेक्टर के पद पर भी कार्यरत थे. एमयू के भूगोल विभाग में बतौर प्रोफेसर के रूप में काम करने के दौरान पूर्व में भी उन्होंने

परीक्षा विभाग में सहायक परीक्षा नियंत्रक के रूप में काम किया

परीक्षा विभाग में सहायक परीक्षा नियंत्रक के रूप में काम किया था. डॉ प्रसाद का शव फिलहाल गया स्थित उनके आवास पर रखा गया है और शनिवार की सुबह विष्णुपद स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जायेगा. फिलहाल उनके बेटे जो पुणे में इंजीनियर हैं, उनके आने का इंतजार किया जा रहा है.

घर में जलजमाव हो गया था और बिजली कट होने के बाद सुबह सात बजे उन्होंने जलजमाव के बीच ही इनवर्टर को ठीक करना शुरू किया

जानकारी के अनुसार, गुरुवार को ही डॉ प्रसाद की बेटी और दामाद गया आये थे. दोनों पेशे से डॉक्टर हैं, जबकि पत्नी गया कॉलेज में प्रोफेसर हैं. मूल रूप से वजीरगंज क्षेत्र के डुमरी चट्टी गांव के रहने वाले डॉ राधेकांत प्रसाद एएमयू में सर्वप्रिय शिक्षक व पदाधिकारी के रूप में जाने जाते थे. अगले वर्ष वह सेवानिवृत्त भी होने वाले थे. उनके निधन से मगध विश्वविद्यालय परिसर में शोक की लहर दौड़ गयी और हर कोई इस बात का अफसोस कर रहे हैं कि उनके बीच से एक सज्जन व्यक्ति दुनिया छोड़ कर चले गये. जानकारी के मुताबिक, गुरुवार व शुक्रवार को हुई बारिश के कारण उनके घर में जलजमाव हो गया था और बिजली कट होने के बाद सुबह सात बजे उन्होंने जलजमाव के बीच ही इनवर्टर को ठीक करना शुरू किया. इसी दौरान उनका संपर्क करेंट से हो गया.

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