बाल सुधार गृह में सभी किशोरों को कक्षाओं व पाठ्यचर्या गतिविधियों में किया जाता है शामिल

सीयूएसबी के एमएसडब्ल्यू छात्रों ने गया जी स्थित संप्रेक्षण गृह का किया भ्रमण

By KALENDRA PRATAP SINGH | November 12, 2025 6:04 PM

बोधगया.

सीयूएसबी के समाजशास्त्र अध्ययन विभाग ने गया जी स्थित सीआरपीएफ परिसर के पास स्थित संप्रेक्षण गृह में प्रथम सेमेस्टर के एमएसडब्ल्यू छात्रों के लिए एक अवलोकन क्षेत्रीय भ्रमण का आयोजन किया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के मार्गदर्शन में छात्रों ने विभाग के अध्यक्ष प्रो एम विजय कुमार शर्मा, प्रो अनिल कुमार सिंह झा, प्रो समापिका महापात्रा व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरेश नारायण पांडे के साथ संप्रेक्षण गृह का भ्रमण किया. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया विभाग के प्राध्यापकों के नेतृत्व में छात्रों की टीम ने सबसे पहले बाल संरक्षण अधिकारी सह अधीक्षक, गया जिले के अतिरिक्त प्रभार में कार्यरत नितेश कुमार से हुई. उन्होंने संप्रेक्षण गृह के बारे में विस्तार से बताया कि इसमें छह वार्ड हैं. चार वार्ड संख्या एक से चार छोटे और गंभीर अपराधों के लिए व पांच व छह जघन्य अपराधों के लिए आवंटित हैं. यह गृह किशोर न्याय बोर्ड के अधीन कार्यरत है, जिसके तीन सदस्य हैं. यह बिहार का सबसे बड़ा किशोर सुधार केंद्र है जिसमें फिलहाल लगभग 133 किशोर हैं. इस सुधार गृह में कुल चार शिक्षक हैं. एक पुरुष और तीन महिलाएं. एक परामर्श कक्ष, एक चिकित्सा कक्ष, एक कंप्यूटर लैब व एक भोजन कक्ष है. ये किशोर यौन अपराध, चोरी, संपत्ति विवाद, साइबर अपराध, अपहरण आदि गतिविधियों में आरोपित व संलिप्त पाये जाते हैं. अधीक्षक ने बताया कि सभी किशोरों को कक्षाओं और पाठ्यचर्या गतिविधियों, जैसे प्रातः योग कक्षा, संगीत, टेराकोटा, चित्रकला, निबंध लेखन, वाद-विवाद व चर्चा में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा. प्रो एम विजय कुमार शर्मा ने बताया कि समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग के छात्रों को किशोर केंद्र की कार्यप्रणाली का गहन अनुभव प्राप्त हुआ जिससे समाज कार्य के छात्रों को नैदानिक व सुधारात्मक समाज कार्य प्रथाओं का अनुभव प्राप्त होगा.

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