Darbhanga News: 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें स्किल्ड इकॉनामी को अपनाना होगा

Darbhanga News:पीजी अर्थशास्त्र विभाग की ओर से जुबली हॉल में भारत की विकास गाथा: चुनौतियां और अवसर विषयक राष्ट्रीय सेमिनार कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई.

By PRABHAT KUMAR | September 9, 2025 10:57 PM

Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के पीजी अर्थशास्त्र विभाग की ओर से जुबली हॉल में भारत की विकास गाथा: चुनौतियां और अवसर विषयक राष्ट्रीय सेमिनार कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई. कुलपति प्रो. चौधरी ने कहा कि आजादी के समय देश में एक सूई भी नहीं बनती थी. अबतक के कालखंड में देश में कोई न कोई चुनौती आती रही और निरंतर विकास भी होता रहा. कृषि, उद्योग के विकास से लेकर, बैंकों के राष्ट्रीयकरण, देश में कंप्यूटर व आइटी युग की शुरुआत, उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण से मिश्रित अर्थव्यवस्था को बाजार अर्थव्यवस्था तक पहुंचाने में मदद मिली. वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया से लेकर स्किल्ड इंडिया, नई शिक्षा नीति लेकर आये हैं. अगर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें स्किल्ड इकॉनामी को अपनाना होगा. यह 140 करोड़ भारतीयों के सर्वश्रेष्ठ योगदान से ही संभव है.

भारत की अर्थव्यवस्था का मॉडल समाजवादी, उदारवादी व गांधीवादी- प्रो. शांडिल्य

श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का विकास पंचवर्षीय योजना के साथ हुआ. कृषि में आत्मनिर्भरता (हरित क्रांति), भारी उद्योग और आधारभूत संरचना का विकास, गरीबी उन्मूलन और रोजगार के प्रयास, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार तथा आइटी और सेवा क्षेत्र में तेजी सरीखे बड़े लक्ष्य हासिल किए गये. कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का मॉडल समाजवादी, उदारवादी व गांधीवादी है, जिसके माध्यम से भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने से कोई रोक नहीं सकता है.

देश को सतत विकास के साथ-साथ तेज रफ्तार की जरूरत- डॉ दिवाकर

एएन सिन्हा रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ डीएम दिवाकर ने कहा कि 1929 की महामंदी से पूर्व राज्य की भूमिका विकास में नगण्य थी. बाद में राज्य ने कल्याणकारी स्वरूप को ग्रहण किया. इसके बाद क्रमशः विकास सशक्तिकरण, सहभागिता तथा तीव्र सहभागिता में बदला. तत्कालीन समय में देश ने नेहरू मॉडल को अपनाया, जिससे देश का विकास तो हुआ, परंतु आर्थिक असमानता बढ़ी. फिलहाल देश को सतत विकास के साथ-साथ तेज रफ्तार की जरूरत है, जो युवाओं को स्किल किये बिना संभव नहीं है. युवाओं को स्किल कर ही भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है. प्रधानाचार्य प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शाहिद हसन ने कहा कि यकीन है कि युवाओं के दम पर 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जायेगा. पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार यादव, प्रो. बसंत कुमार झा व प्रो. हिमांशु शेखर ने भी विचार रखा. समीक्षात्मक विश्लेषण उप कुलानुशासक डॉ कामेश्वर पासवान व डॉ अर्चना कुमारी ने किया. विभागाध्यक्ष डॉ अम्बरीष कुमार झा ने स्वागत व संचालन डॉ शीला यादव ने किया. तकनीकी सत्र में छात्र, छात्रा, शोधार्थी व शिक्षक ने पेपर प्रजेंट किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ मशरुर आलम ने किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है