Darbhanga News: निचले इलाकों के चार दर्जन से अधिक घरों में घुस गया कोसी व कमला का पानी

Darbhanga News:कोसी और कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से तटबंध से पूरब बसे चार पंचायतों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है.

By PRABHAT KUMAR | October 7, 2025 10:07 PM

Darbhanga News: कुशेश्वरस्थान पूर्वी. कोसी और कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से तटबंध से पूरब बसे चार पंचायतों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है. इन चारों पंचायत के लोग बाढ़ से पूरी तरह घिर गये हैं. इटहर पंचायत के चौकिया व लक्ष्मीनिया, उजुआ-सिमरटोका पंचायत के कोदरा, बुढ़िया सुकरासी, झाझा व उसरी पंचायत के छोटकी कोनिया के निचले इलाकों में बसे लगभग 50 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. फिलहाल लोग किसी तरह घरों में ही रह रहे हैं. हालांकि जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी रहा तो लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा. कोसी व कमला बलान नदी का पानी अब खेत-खलिहानों में फैल गया है. खेतों में लगी फसल डूबने के कगार पर है. इटहर, चौकिया, लक्ष्मीनिया, बलथरवा, कोदरा, झाझा, बुढ़िया-सुकरासी, भरैन मुसहरी के सड़कों पर पानी चढ़ जाने से यातायात प्रभावित हो गया है. अब लोग नाव के सहारे मुख्य सड़कों पर पहुंच गंतव्य को जाते हैं. इधर फुहिया में स्लूइस गेट का फाटक बंद रहने से कमला व जीवछ नदी के पानी की निकासी नहीं होने से सुघराइन पंचायत में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है. इस पानी से सुघराइन, जिरौना, बाघमारा तथा लक्ष्मीनिया गांव पूरी तरह घिरे हुए हैं. लोगों को गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. बाढ़ का मुआयना करने मंगलवार को जिला परिषद सदस्य पूनम मणि शर्मा व उनके प्रतिनिधि राम शंकर शर्मा ने इटहर पंचायत के चौकिया, लक्ष्मिनिया, बल्थरबा, इटहर, सुघराइन पंचायत के भरैन मुसहरी टोल सहित दर्जनों बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया. पीड़ितों की समस्या से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने बाढ़ से विपदाग्रस्त व विस्थापित परिवारों के लिए सामुदायिक किचेन, पेयजल की व्यवस्था करने की मांग सीओ से की. कहा कि इन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश कर गया है. खेतों में लगी फसल भी डूब गयी है. उन्होंने किसानों के लिए फसल क्षति-पूर्ति की मांग भी की. इधर सीओ गोपाल पासवान ने बताया कि नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से चौकिया, लक्ष्मीनिया, झाझा, कोदरा, बुढ़िया-सुकरासी, छोटकी कोनिया के निचले इलाकों में बसे दर्जनों से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. फिलहाल लोग अपने घरों में ही रहकर पानी घटने के इंतजार में हैं. अभी कोई परिवार विस्थापित नहीं हुए हैं. उन्होंने बताया कि चौकिया और लक्ष्मीनिया में बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच पॉलीथीन वितरण करने के लिए कर्मचारी को भेजा गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विभिन्न मार्गों पर 21 सरकारी नावें चलायी जा रही है. बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं हुई तो बुधवार से प्रभावित गांवों में सामुदायिक किचेन चलाया जायेगा.

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