लहेरियासराय थाने का नशे के खिलाफ ऑपरेशन टेबलेट अभियान हवा हवाई

किशोरों को नशा के दलदल से मुक्त कराने को लेकर इन दिनों लहेरियासराय थाना की पुलिस ऑपरेशन-टेबलेट अभियान चला रही है

By Prabhat Khabar News Desk | June 8, 2024 12:00 PM

कुमार रोशन, दरभंगा किशोरों को नशा के दलदल से मुक्त कराने को लेकर इन दिनों लहेरियासराय थाना की पुलिस ऑपरेशन-टेबलेट अभियान चला रही है. अभियान के रूख से यह पता चल रहा कि पुलिस का मकसद नशे की जाल को तोड़ना, नशा माफिया तक पहुंचना तो नहीं ही है. पुलिस चौक-चौराहे, अंधेरी गलियों में टेबलेट, कफ सीरप, भांग, गाजा का सेवन करने वाले पथ भ्रष्ट किशोरों एवं युवकों को पकड़ कर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर रही है. नशे के जाल में किशोर कैसे फंस रहे, उन्हें इस ओर कौन ढकेल रहा, उनके पास नशा के सामान कैसे पहुंच रहे, इन सब पर पुलिस दिमाग लगाने से परहेज कर रही है. अभियान को देख कर यह साफ नजर आने लगा है कि उच्चाधिकारियों की नजर में काम करता दिखने के लिये ही यह अभियान चलाया जा रहा है. भटके किशोर एवं युवकों को पुलिस टारगेट करती है. उन्हें पकड़कर अपना पीठ खुद थपथपाती है. जबकि नशे के धंधेबाजों पर उनकी नजरें इनायत नहीं होती. थानाध्यक्ष दीपक कुमार खुद इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. जगह-जगह से नशापान करते किशोर एवं युवाओं को गिरफ्त में लिया जा रहा है. दो दिनों में डेढ दर्जन के करीब किशोर एवं युवकों को पुलिस ने उठाया है. पुलिस का कहना है कि ये लोग कई तरह के नशे में मिले थे. लोग अब पुलिस के अभियान पर सवाल उठा रहे हैं. इनका कहना है कि नशे की जाल में फंसे किशोर एवं युवकों को न्यायिक हिरासत में भेज कर पुलिस क्या साबित करना चाहती है. पुलिस अगर इमानदारी से नशा के खिलाफ अभियान चलाती तो वह नशे के सामानों की आपूर्ति करने तथा बेचने वालों को टारगेट करती. जब टेबलेट, गांजा, भांग आदि सहजता से उपलब्ध नहीं होगा तो किशोर एवं युवक भी इसके आदी नहीं होंगे. लोगों ने कहा कि किस मोहल्ले में किस जगह कौन सा नशे का सामान बिक रहा है, यह पुलिस की जानकारी से दूर नहीं है. कहा कि पुलिस बावजूद मूल पर हाथ रखने के बदले शाखाओं पर प्रहार कर रही है. इससे बीमारी समाप्त नहीं होने वाली. कहा कि नशा के नेटवर्क पर प्रहार किये बिना कुछ युवकों एवं किशोर को हिरासत में लेने से कुछ विशेष फायदा नहीं होने को है. लोगों का कहना है कि पूर्व में तत्कालीन सदर एसडीपीओ दिलनवाज अहमद के नेतृत्व में पुलिस ने नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी. नशे के टैबलेट का धंधा करने वाले कई दवा दुकानदारों को पकड़ा गया था. स्टेशनरी की दुकान करने वालों को भी वाइटनर आदि बेचने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिये थे. तत्कालीन एसडीपीओ ने दवा विक्रेता संघ व दुकानदारों के साथ बैठक की थी. दबा दुकानों पर छापेमारी भी की गयी थी. उस दौरान नशे की दवा के अवैध धंधे पर काफी हद तक ब्रेक लगा था. बाद में पुलिस सुस्त पड़ गयी. लहेरियासराय थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि नशेड़ियों के खिलाफ ऑपरेशन-टेबलेट अभियान चलाया जा रहा है. नशे के नेटवर्क को खंगालने में पुलिस जुटी है.

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