Darbhanga News: कारयित्री और भावयित्री प्रतिभा के धनी थे मैथिली के साहित्यकार डॉ रामदेव झा

Darbhanga News:कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. दमन कुमार झा ने कहा कि रामदेव झा कारयित्री और भावयित्री प्रतिभा के धनी थे.

By PRABHAT KUMAR | May 3, 2025 10:22 PM

Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के पीजी मैथिली विभाग में साहित्यकार रामदेव झा की जयंती शनिवार को मनायी गयी. डाॅ झा कथाकार, नाटककार, कवि, अनुसंधानकर्ता, बाल-साहित्यकार तथा अनुवादक की भूमिका में सक्रिय रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. दमन कुमार झा ने कहा कि रामदेव झा कारयित्री और भावयित्री प्रतिभा के धनी थे. इनके रचनात्मक साहित्य में यथार्थ जीवन की झलक स्पष्ट दिखाई पडती है, वहीं दूसरी तरफ वह अपने अनुसंधानपरक दृष्टि से मैथिली साहित्य के कई साहित्यिक आयामों को नई दिशा दी. प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कहा कि रामदेव झा की पिपासा नाटक में मैंने स्वयं चांडाल का किरदार निभाया हूं. रामदेव झा का साहित्य विशाल है. उन्होंने साहित्य के सभी विषयों पर लिखा लेकिन उनका कहानीकार का पक्ष सबसे अधिक सबल है. उनका लेखन पांचवें और छठे दशक में शुरू हुआ. डॉ रामदेव झा बहुभाषी थे. उनमें शोध के प्रति विशेष रुचि थी. डॉ सुरेश पासवान ने कहा कि रामदेव झा मैथिली साहित्य के चर्चित कथाकार थे. वे बिना किसी खास धारा में रहे अपनी अलग और विशिष्ट पहचान बना ली थी. उनकी मैथिली कहानी ””””””””एक खीरा तीन फांक”””””””” हो या ””””””””मनुसंतान””””””””, सभी में मिथिला के माटी की सुगंध,जन- जीवन एवं लोक- संस्कृति की छाप दृष्टिगत होती है. डॉ सुनीता कुमारी ने कहा रामदेव झा बहु विधावादी लेखक थे. वे ग्रामीण रूचि के कहानीकार थे. कार्यक्रम का आरम्भ महाकवि विद्यापति रचित भगवती गीत जय- जय भैरवी से हुआ. इसकी प्रस्तुति हिमांशु कुमार ने दी. संचालन राजनाथ पंडित ने किया.

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