सूक्ष्म सिंचाई योजना से श्रम, लागत व पानी की बचत के साथ होती अधिक उपज
उद्यान विभाग द्वारा संयुक्त कृषि भवन परिसर सभागार में गुरुवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई विषय पर जिलास्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.
बहादुरपुर. उद्यान विभाग द्वारा संयुक्त कृषि भवन परिसर सभागार में गुरुवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई विषय पर जिलास्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. उद्घाटन जिला उद्यान पदाधिकारी नीरज कुमार झा, उपनिदेशक कृषि अभियंत्रण डॉ आकांक्षा, उपनिदेशक रसायन शिवेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर जिला उद्यान पदाधिकारी ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई एक उन्नत प्रणाली है. इसके माध्यम से पौधे की जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाइप के जरिए कम समय में पानी दिया जाता है. इस प्रणाली द्वारा पारंपरिक शिक्षा की तुलना में 60 प्रतिशत तक जल की खपत में कमी आती है. इस वर्ष सरकार ने पोर्टेबल इंस्पिरिन क्लब सिंचाई सुविधा को भी शामिल किया है, जो किसानों के लिए अत्यधिक सुविधाजनक है. वहीं अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय चौबे ने कहा कि सिंचाई प्रणाली से फसल की उत्पादकता में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि होती है. उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार होता है. साथ ही खरपतवार के जमाव में भी 60 से 70 प्रतिशत की कमी आती है. इससे मजदूरी की लागत कम हो जाती है और पौधे पर रोग का प्रकोप भी कम होता है. ड्रिप सिंचाई में 826 एकड़ का लक्ष्य मिला है. किसानों को 80 प्रतिशत के अनुदान पर यह सुविधा उपलब्ध है. इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभ दिया जाएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम में पौधा संरक्षण के सहायक निदेशक शाहिद जमाल, दीपक कुमार, अमित कुमार, विभिन्न प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सहित विभिन्न प्रखंडों के प्रगतिशील किसान मौजूद थे.
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