महिलाओं से भरी नाव कमला में पलटी, एक युवती लापता, कई बेहोशी की हालत में मिली

दरभंगा के सहसराम पंचायत के ब्रह्मोतर में कमला नदी में नाव पलटने से राजेन्द्र मांझी की 18 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी पानी की धार में बह गयी. नाव पर सवार अन्य महिलाएं किसी तरह तैर कर बाहर निकल सकीं. हादसा शाम करीब चार बजे हुआ.

By Prabhat Khabar | August 11, 2020 9:29 AM

बिरौल : सहसराम पंचायत के ब्रह्मोतर में कमला नदी में नाव पलटने से राजेन्द्र मांझी की 18 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी पानी की धार में बह गयी. नाव पर सवार अन्य महिलाएं किसी तरह तैर कर बाहर निकल सकीं. हादसा शाम करीब चार बजे हुआ. बस्ती ब्रह्मोतर की कुछ महिलाएं, बच्चे व बच्ची नाव पर सवार होकर जरूरी खरीदारी करने सहसराम जा रही थीं. इसी बीच कमला नदी में की तेज धारा में नाव पलट गयी. पूजा कुमारी तेज धारा में बह गयी. नाव पर सवार डेढ़ दर्जन महिलाएं तैर कर बाहर निकलीं.

कई महिलाएं बेहोश हालत में मिली

ग्रामीण द्वारा काफी खोजबीन किये जाने पर भी उसका पता नहीं चल पाया. वहीं नदी से तैर कर बाहर निकले विनोद मांझी, गोविंद मांझी, अवकाश देवी, राम ज्योति देवी, मो. ममता देवी, उषा देवी, कविता देवी, मंजू देवी, बुधनी देवी एवं ललिता देवी किनारे पर बेहोश हो गयीं. मेडिकल टीम ने सभी का प्राथमिक उपचार किया. सभी की स्थिति खतरे से बाहर है. राम ज्योति देवी की स्थिति नाजुक देख सीएचसी ले जाया गया. घटना स्थल पर पहुंचे सीओ श्री राकेश ने बताया कि नाव सहित पूजा कुमारी लापता है. एनडीआरएफ की टीम पहुंच गयी है. मंगलवार को टीम द्वारा शव खोजे जाने की बात कही गयी है. मुखिया सुमन झा ने बताया कि लापता की काफी खोजबीन की गयी, पता नहीं चल पाया है.

नाव पर क्षमता से अधिक लोग कर रहे यात्रा
महिलाओं से भरी नाव कमला में पलटी, एक युवती लापता, कई बेहोशी की हालत में मिली 2

गौड़ाबौराम. बगरासी व परसरमा गांव जाने के लिए स्थानीय निवासी जान की बाजी लगाकर सफर कर रहे हैं. दोनों गांव के लिए सरकारी नाव मुहैया करायी गयी है, फिर भी लोगों को आने-जाने के लिए 20 रुपया किराया देना पड़ रहा है. वहीं नाव पर क्षमता से अधिक लोगों को चढाने के कारण कभी भी इसे डूब जाने का खतरा बना रहता है. बगरासी के उपेंद्र साह के नाव का पंजीकरण कर अंचल प्रशासन द्वारा हाइवे से बगरासी तक परिचालन का आदेश दिया गया.

कहने के बावजूद लोग नहीं मानते

इस नाव पर क्षमता से अधिक लोगों को चढ़ाया जाता है. नाव पर 14 व्यस्क लोगों के अलावा साइकिल लादे जाने से नाव डगमगाने लगती है, फिर भी लोग नहीं मानते हैं. खतरे से अंजान लोग इसी तरह दर्जनों गांवों में नाव की सवारी कर रहे हैं. इससे हादसे की आशंका बनी रहती है. इस संबंध में नाविकों द्वारा अंचल प्रशासन से किसी तरह की दिशा-निर्देश मिलने से इंकार किया जा रहा है. वहीं सीआइ गौतम सेन गुप्ता ने बताया कि सभी के पंजीकरण एवं लांगबुक पर सात से 10 लोगों की अधिकतम सवारी लिए जाने को लेकर सपष्ट दिशा-निर्देश है, लेकिन लोग नहीं मानते हैं.

posted by ashish jha

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