Darbhanga News: भाषाएं हमारी पहचान, संस्कृति और सभ्यता की जीवंत धारा

Darbhanga News:कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में गुरुवार को भारतीय भाषा उत्सव हुआ.

By PRABHAT KUMAR | December 11, 2025 10:20 PM

Darbhanga News: दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में गुरुवार को भारतीय भाषा उत्सव हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पाण्डेय ने कहा कि भारत की भाषाएं हमारी पहचान, संस्कृति और सभ्यता की जीवंत धारा हैं. इनका संरक्षण व संवर्द्धन प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. संस्कृत को भारतीय भाषाओं की जननी बताते हुए कहा कि सभी भारतीय भाषाएं एक-दूसरे से गहरे सांस्कृतिक सूत्रों से जुड़ी हुई हैं. पीआरओ निशिकांत के अनुसार मुख्य अतिथि सह विश्व शान्ति निकेतन, कोलकाता के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. अरुण रंजन मिश्र ने बंगाली भाषा की महत्ता को रेखांकित किया. विशिष्ट अतिथि मणिकान्त झा ने कहा कि सभी भाषाओं की जड़ संस्कृत है. आज का दिवस सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान करने का है. प्राध्यापक डॉ विपिन कुमार झा ने स्पोकेन टिटोरियल के माध्यम से भाषा शिक्षण पर बल दिया. उड़िया भाषा के वक्ता डीएसडब्लू प्रो. पुरेंद्र वारिक ने उत्कल भाषा की मधुरता का विवेचन करते हुए मैथिली एवं उड़िया भाषा की साम्यता पर प्रकाश डाला. कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी ने क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने की बातें कही. कार्यक्रम संयोजक सह शिक्षाशास्त्र विभाग के निदेशक डॉ घनश्याम मिश्र ने भारतीय भाषोत्सव की महत्ता तथा तमिल भाषा के कवि सुब्रमण्य भारती की जयंती पर विचार रखा. कार्यक्रम की शुरुआत नटवर एवं ओमप्रकाश के वैदिक मंगलाचरण से हुआ. लौकिक मंगलाचरण जूली, साक्षी, निशा एवं रागनी ने की. स्वागत डॉ निशा तथा स्वागतगान छात्र सावन कुमार व अक्षय कुमार ने किया. संचालन डॉ रामसेवक झा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रीति रानी ने की. कार्यक्रम में व्याकरण साहित्य विभागाध्यक्ष प्रो. दयानन्द झा, डॉ रामनन्दन झा, डॉ अवन कुमार राय, डॉ संजीव कुमार, गोपाल कुमार महतो, पवन सहनी, राकेश कुमार, सतीश कुमार आदि मौजूद.

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