जर्जर भवन में कैसे किया जा रहा मरीजों का उपचार

दरभंगा : महाराष्ट्र ग्रैंड मेडिकल कॉलेज की डॉ लीला गुल अभिचंद्रानी बतौर एमसीआई सदस्य शनिवार को बायोकेमेस्ट्री विभाग में एमडी सीट में बढ़ोतरी को लेकर डीएसमीएच के विभिन्न विभागों का निरीक्षण की. डॉ अभिचंद्रानी सुबह करीब 10 बजे डीएमसी प्राचार्य कार्यालय पहुंची. उस समय प्राचार्य डॉ एचएन झा अस्पताल का जायजा ले रहे थे. सूचना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 22, 2019 1:56 AM

दरभंगा : महाराष्ट्र ग्रैंड मेडिकल कॉलेज की डॉ लीला गुल अभिचंद्रानी बतौर एमसीआई सदस्य शनिवार को बायोकेमेस्ट्री विभाग में एमडी सीट में बढ़ोतरी को लेकर डीएसमीएच के विभिन्न विभागों का निरीक्षण की. डॉ अभिचंद्रानी सुबह करीब 10 बजे डीएमसी प्राचार्य कार्यालय पहुंची. उस समय प्राचार्य डॉ एचएन झा अस्पताल का जायजा ले रहे थे. सूचना पाकर कार्यालय पहुंचे. संबंधित विभाग के चिकित्सक व कर्मी भी सचेत हो गये.

एमसीआई सदस्य ने बॉयोकेमेस्ट्री लैब, रक्त अधिकोश विभाग, क्लीनिकल लैबोरेटरी सेंटर आदि का मुआयना की. 11.30 बजे रक्त अधिकोष विभाग का जायजा लेने पहुंची. जर्जर सर्जरी भवन से गुजरने के दौरान इलाज की प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़ा की. कहा कि कैसे इस जर्जर भवन में मरीजों का उपचार किया जाता है. चारों तरफ फैले गंदगी पर आपत्ति दर्ज की. रक्त अधिकोष विभाग में मशीन व उपकरण के साथ- साथ बल्ड डोनेशन की प्रक्रिया की जानकारी ली.
क्लीनिकल पैथोलॉजी विभाग का जायजा लिया. मरीजों के भीड़ को देखकर पूछताछ की. उपकरण देखकर संतोष व्यक्त की. बायोकेमिस्ट्री लैब का निरीक्षण करते हुए उपकरण व सुविधा को देखी. विभाग में फैक्लटी की उपस्थिति के आधार पर भौतिक सत्यापन किया. देर शाम वे यहां से रवाना हो गयी. बता दें कि बायोकेमेस्ट्री विभाग में एमडी का तीन सीट है. डीएमसी प्रशासन ने एक और सीट बढ़ाने को लेकर आवेदन दिया था. इसी के मद्देनजर एमसीआई ने निरीक्षण कराया है. मौके पर बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ सूदे कुमार सिंह व कर्मी आदि मौजूद थे.

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