CM Mahila Rojgar Yojana: पुरुषों के खाते में पहुंचे ₹10 हजार, अब वापसी के पत्र से बिहार में हड़कंप

CM Mahila Rojgar Yojana: चुनाव से पहले महिलाओं के सशक्तिकरण की जिस योजना ने बिहार की राजनीति में हलचल मचाई थी, वही योजना अब पुरुषों के लिए सिरदर्द बन गई है.पैसा आया, खर्च हो गया और अब वापसी का नोटिस पहुंच गया.

By Pratyush Prashant | December 13, 2025 1:31 PM

CM Mahila Rojgar Yojana: बिहार की बहुचर्चित मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना एक बार फिर सियासी बहस के केंद्र में है. जीविका की ओर से जारी एक पत्र ने पूरे राज्य में बवाल खड़ा कर दिया है.

पत्र में पुरुष लाभार्थियों से योजना के तहत गलती से भेजी गई 10 हजार रुपये की राशि वापस करने को कहा गया है. इस पत्र के सामने आते ही पुरुषों में हड़कंप मच गया है और विपक्ष को सरकार पर हमला करने का नया मुद्दा मिल गया है.

क्या है पूरा मामला

दरभंगा जिले के जाले प्रखंड से सामने आए पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का लाभ केवल जीविका से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को दिया जाना था. लेकिन तकनीकी त्रुटि के कारण कुछ पुरुषों के खातों में भी 10 हजार रुपये ट्रांसफर हो गए.
प्रखंड परियोजना प्रबंधक, जीविका (बीपीआईयू) की ओर से जारी पत्र में साफ कहा गया है कि यह राशि गलती से भेजी गई है और इसे तत्काल लौटाया जाए.

जिन पुरुषों के खातों में पैसा पहुंचा, उन्होंने चुनावी माहौल को देखते हुए इसे सरकार का गिफ्ट मान लिया और राशि खर्च कर दी. अब जब जीविका की ओर से वापसी का पत्र आया है, तो कई लोग असमंजस और तनाव में हैं.
स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि मौजूदा आर्थिक हालात, महंगाई और बेरोजगारी के बीच 10 हजार रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं, ऐसे में अब पैसा लौटाना आसान नहीं है.

आरजेडी का हमला

इस पत्र को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. आरजेडी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पत्र साझा करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरजेडी का कहना है कि एनडीए सरकार वोट खरीदने की हड़बड़ी में इतनी बड़ी चूक कर बैठी कि महिलाओं की जगह पुरुषों के खातों में पैसे डाल दिए. पार्टी ने इसे “वोट खरीदने की साजिश” करार देते हुए कहा कि अब सरकार ‘लव लेटर’ लिखकर पैसा वापस मांग रही है.

विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं के खातों में 10 हजार रुपये भेजे गए थे. सरकार ने दावा किया था कि रोजगार शुरू करने पर आगे चलकर दो लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी.
अब पुरुषों को भेजी गई राशि और उसकी वसूली ने योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष का दावा है कि इस पूरे मामले में बड़ी धांधली हुई है, जिसका खुलासा आगे हो सकता है.

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