22 अतिक्रमणकारियों के पक्के मकान जमींदोज
छह माह से जारी जद्दोजहद के बाद भारी पुलिस फोर्स के बीच तीन जेसीबी से हटाये गये कब्जे एसडीएम व एसडीपीओ पूरे दिन रहे मुस्तैद, तीन दिन से कराई जा रही थी माइकिंग 13 अतिक्रमणकारियों ने हाईकोर्ट से लगायी थी गुहार, नहीं मिली राहत बेतिया : लिबर्टी सिनेमा चौक के समीप की सरकारी जमीन पर […]
छह माह से जारी जद्दोजहद के बाद भारी पुलिस फोर्स के बीच तीन जेसीबी से हटाये गये कब्जे
एसडीएम व एसडीपीओ पूरे दिन रहे मुस्तैद, तीन दिन से कराई जा रही थी माइकिंग
13 अतिक्रमणकारियों ने हाईकोर्ट से लगायी थी गुहार, नहीं मिली राहत
बेतिया : लिबर्टी सिनेमा चौक के समीप की सरकारी जमीन पर तीन दशक से काबिज 22 अतिक्रमणकारियों के मकान व दुकानों को आखिरकार प्रशासन ने शनिवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर जमींदोज कर दिया. इस कार्य में प्रशासन ने एक पोकलेन व दो जेसीबी मशीनों का उपयोग किया. हालांकि एसडीएम विद्यानाथ पासवान व एसडीपीओ की पूरी मुश्तैदी के बावजूद प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी.
एसडीएम श्री पासवान ने बताया कि उनके खुद की देख रेख में लगातार दो दिन माइक द्वारा शनिवार को सरकारी भूखंड खाली नहीं किया गया था. इसके बाद भी सम्बंधित लोगों के अनुरोध पर शनिवार को भी अतिक्रमित मकान व दुकानों को खाली करने के लिए करीब तीन घंटे का समय देने के बाद कार्रवाई की गयी. इस दौरान एक तीन मंजिला इमारत से 22 पक्का मकानों को ढहा दिया गया. हालांकि तीन मंजिला मकान को बचाने को लेकर काफी देर तक हाइ प्रोफाइल ड्रामा चलता रहा.लेकिन एसडीएम की सख्ती के आगे किसी की एक नहीं चली.
हमले की फैली थी अफवाह, जांच में जुटा रहा प्रशासन. अतिक्रमण हटाने को लेकर शनिवार को पूरे दिन प्रशासनिक अधिकारी एक अफवाह को लेकर सशंकित रहे. दरअसल यह अफवाह फैली थी कि अतिक्रमण हटाने वाली टीम पर हमले की तैयारी है. नतीजा प्रशासन इसकी जांच में जुटा रहा. हालांकि यह बात अफवाह निकली. एसडीएम ने बताया कि अफवाह फैलाने वाले को चिन्हित किया जा रहा है.
जलजमीनार निर्माण का रास्ता साफ : सीओ रघुवीर प्रसाद ने बताया कि चिह्नित अतिक्रमणकारियों द्वारा कोई विधि मान्य कागजात नहीं देने पर करीब छह माह पूर्व ही अंतिम आदेश पारित कर नल जल योजना के लिए चिह्नित जमीन को खाली करने का आदेश दिया गया. इसके बाद फैयाज अहमद सहित 13 लोगों ने हाईकोर्ट में वाद दायर कर दिया. कोर्ट द्वारा दुबारा सुनवाई करने के आदेश का उनके द्वारा अनुपालन के साथ करीब चार पूर्व ही दफा 6 की अंतिम नोटिस जारी कर दी गई. इसके बाद भी उक्त न्यायिक आदेश की अनदेखी आज कार्रवाई की गयी है. इसके बाद जलमीनार निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.