Bihar: मेड इन जर्मनी दवा खाने से पहले पढ़ें ये खबर, बिहार में नकली मेडिसिन बनाकर बेच रहा डॉक्टर धराया

मोतिहारी में एक नकली दवा की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. गुप्त सूचना के आधार पर हुई छापेमारी में नकली दवा बेच रहा डॉक्टर धराया है. उसकी डिग्री भी जाली होने की संभावना है. कई दवाओं को मिलाकर उसपर मेड इन जर्मनी लिखकर बेचता था.

By Prabhat Khabar | April 22, 2022 11:19 AM

मोतिहारी के रघुनाथपुर ओपी के उत्तर ग्रामीण बैंक के सामने वाली गली में संचालित नकली दवा की मिनी फैक्ट्री पकड़ी गयी. ड्रग विभाग की टीम ने गुप्त सूचना पर छापेमारी की, जहां नर्सिंग होम की आड़ में नकली दवा बनाने का भंडाफोड़ हुआ. ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद प्रसाद के नेतृत्व में छापेमारी की गयी. वहां से भारी मात्रा में नकली दवा बरामद हुई है. नर्सिंग होम संचालक डॉ बीके चौधरी को गिरफ्तार किया गया है.

ऐसे हुआ नकली दवा फैक्ट्री का खुलासा

बताया जाता है डॉ बीके चौधरी के नर्सिंग होम पर संपूर्ण आरोग्य केंद्र का बोर्ड लगा है. कई डॉक्टरों का नाम भी बोर्ड पर लिखा है. डॉक्टरों द्वारा ग्रामीण इलाकों से आये मरीजों को नकली दवा देकर उन्हें ठगा जा रहा था. किसी ने इसकी शिकायत ड्रग विभाग से की. इसके बाद सहायक औषधि नियंत्रक शिवानी ने ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद प्रसाद व सुशील कुमार के नेतृत्व में एक धावा दल का गठन किया. रघुनाथपुर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार के साथ धावा दल ने गुरुवार दोपहर सम्पूर्ण आरोग्य केंद्र पर छापेमारी की. वहां नकली दवा बनाने का खुलासा हुआ.

डॉ बीके चौधरी गिरफ्तार, नहीं दे सका डॉक्टर का सर्टिफिकेट

ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद ने बताया कि मामले में डॉ बीके चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनसे डॉक्टर का सर्टिफिकेट मांगा गया है, लेकिन अभी तक उन्होंने सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनका सर्टिफिकेट भी फर्जी है. छापेमारी में रघुनाथपुर थानाध्यक्ष के अलावे ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद प्रसाद, सुशील कुमार, रविंद्र मोहन सहित अन्य शामिल थे.

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कई तरह की दवाओं को मिश्रित कर रैपर में किया गया था पैक

सम्पूर्ण आरोग्य केंद्र में आयुर्वेद, होमियोपैथ व एलोपैथ की विभिन्न दवाओं के मिश्रण से नकली दवा बनायी जा रही थी. उसके रैपर पर मेड इन जर्मन लिखा था, लेकिन कम्पोजिशन नहीं लिखा हुआ था. एमआरपी 250 से लेकर 400 रुपये अंकित था. ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि इस तरह की दवाएं काफी हानिकारक होती हैं. जब्त दवाओं को जांच के लिए भेजा जायेगा. सम्पूर्ण आरोग्य केंद्र के बोर्ड पर चार-पांच डॉक्टरों का नाम भी लिखा है. उन सभी डॉक्टरों के सर्टिफिकेट की जांच की जायेगी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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