काेलकाता के कॉल सेंटर से मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर किया जाता था ठगी,22 गिरफ्तार, बिहार से कनेक्शन जानें

काेलकाता के कॉल सेंटर से मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर ठगी किया जाता था. इसका खुलासा छत्तीसगढ़ पुलिस ने किया है. इस मामले में 22 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है. इनमें कई बिहार के रहने वाले हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 24, 2022 6:51 AM

पटना. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की पुलिस ने कोलकाता में छापेमारी कर मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 22 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से तीन युवक पटना व नालंदा के हैं. इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है.

बिहार के कई जिलों के रहने वाले हैं ठग

बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस टीम ने 14 युवतियों व आठ युवकों को पकड़ा है, जो कॉल सेंटर चला रहे थे. इन सभी से पूछताछ में छत्तीसगढ़ पुलिस को यह जानकारी मिली है कि कॉल सेंटर से बिहार के पटना, नालंदा व समस्तीपुर के कई लोग जुड़े हुए हैं, जो ठगी के पैसों को बैंक खाते से निकालने और फिर मुख्य सरगना तक कमिशन काट कर रकम भेजते हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस को इस गिरोह के पास से जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें कई पटना व नालंदा में खुले बैंक खातों से संबंधित हैं. पूरे मामले की जांच को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस जल्द ही पटना आयेगी. इसके लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने पटना पुलिस से संपर्क भी किया है.

कोलकाता में चल रहा था कॉल सेंटर

जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में जांच की, तो पता चला कि ठगी का केंद्र कोलकाता का एक कॉल सेंटर है. इसके बाद रायगढ़ पुलिस ने कोलकाता पुलिस की मदद से मल्टीनेशनल कंपनी की तरह चल रहे कॉल सेंटर के एक संचालक शम्सुल हुसैन को जोरासांकी मेट्रो के गेट पर पकड़ लिया. इसके बाद कॉल सेंटर में छापेमारी की गयी और 14 युवतियों व आठ युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस ने इनको किया गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने कॉल सेंटर के मैनेजर गोपाल कंडार और दीपिका मंडल, टीम लीडर बीना साव उर्फ डॉली, मधु यादव, जूली सिंह, स्नेहा पाल, पूजा राय, पूजा सिंह, महेंद्र कुमार, विशाल सेठ, पिंकी राजभर, पूजा पासवान, पूजा शर्मा, रिंकी साव, इंद्रोजीत दास, पूजा दास, अंकु गुप्ता, राजकुमार सिंह , कामिनी पोद्दार, प्रियंका चौधरी, मनीष साव को पकड़ लिया. इनमें महेंद्र साव व मनीष साव नालंदा के सोहसराय के हैं और राजकुमार सिंह पटना के रामकृष्णा नगर इलाके का रहने वाला है.

मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फर्जीवाड़ा

बताया जाता है कि ऑफिस के स्टाफ के दो अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप बनाये गये थे. सभी स्टाफ को प्रतिदिन कम-से-कम 200-250 लोगों को कॉल करने की जिम्मेदारी दी गयी थी. ये लोग एयरटेल, रिलायंस व अन्य मोबाइल कंपनियों का टावर लगाने का ऑफर देते थे और यह बताते थे कि उन्हें कम-से-कम प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपये दिये जायेंगे. इसके बाद रजिस्ट्रेशन व अन्य कामों को बता कर रकम ऐंठ लेते थे. इनमें से कई लोगों की रकम पटना व नालंदा के बैंक खातों में भी ट्रांसफर की गयी है. बताया जाता है कि लोगों के मोबाइल नंबर गूगल से सीरीज नंबर लेकर स्टाफ को दिये जाते थे.

Next Article

Exit mobile version