buxar news : अनुदानित दर पर मिले गेहूं के बीज का अंकुरण नहीं होने से किसानों में मायूसी
buxar news : आक्रोशित किसानों ने कृषि कार्यालय में सामूहिक रूप से दिया आवेदन
buxar news : ब्रह्मपुर. प्रखंड के दर्जनों गांवों के किसानों के सामने इस वर्ष रबी सीजन में बड़ा संकट खड़ा हो गया है. कृषि विभाग द्वारा अनुदानित (सब्सिडी) दर पर दिये गये गेहूं के बीज खेतों में बोने के बाद अंकुरित नहीं हुए, जिससे किसानों की मेहनत और पूंजी दोनों डूबती नजर आ रही है. इस समस्या से आक्रोशित किसानों ने सामूहिक रूप से कृषि कार्यालय में आवेदन देकर जांच और मुआवजे की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
किसानों का आरोप है कि उन्होंने सरकार की योजना के तहत कृषि विभाग से प्रमाणित और अनुदानित गेहूं के बीज खरीदे थे. खेतों की जुताई और खाद के बाद समय पर बोआई भी की गयी. लेकिन बोआई के दो सप्ताह बाद भी अधिकांश खेतों में बीज अंकुरित (अनुकूलित) नहीं हुए. जिन खेतों में छिटपुट अंकुरण हुआ भी है, वहां पौधे अत्यंत कमजोर और पीले नजर आ रहे हैं. किसानों ने न केवल बीज के पैसे गवाये, बल्कि जुताई, सिंचाई और मजदूरी पर भी हजारों रुपये खर्च किये. रबी की फसल के लिए बोआई का उपयुक्त समय निकलता जा रहा है, जिससे दोबारा बोआई करने पर भी पैदावार कम होने की आशंका है.
बीज की गुणवत्ता पर सवाल
किसानों का कहना है कि सरकारी मुहर वाले बीज ही अगर खराब निकलेंगे, तो वे किस पर भरोसा करेंगे. प्रभावित योगिराज गांव निवासी लाल बाबू मिश्रा, सियाराम मिश्रा, विनोद गोंड व जीतन चौधरी सहित अन्य किसानों ने एकजुट होकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी को लिखित आवेदन सौंपा है. उन्होंने मांग की है कि कृषि विशेषज्ञों की टीम भेजकर प्रभावित खेतों की अविलंब जांच करायी जाये व खराब बीज की आपूर्ति करने वाली कंपनी या एजेंसी पर कार्रवाई हो. किसानों को फिर से बोआई के लिए मुफ्त बीज और उचित मुआवजा दिया जाये. बीज अंकुरित नहीं होने से पूरे साल की हमारी मेहनत मिट्टी में मिल गयी है. अगर विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे. इधर, ब्रह्मपुर कृषि पदाधिकारी सुरेश राजवंशी ने कहा कि योगियां गांव के किसानों द्वारा आवेदन दिया गया है. उसकी जांच कराकर विभाग को भेजा जायेगा.
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