buxar news : सात चरणों में पूरा होगा विशेष सर्वे का काम, विभाग ने तय की चरणवार तिथियां
buxar news : 228 अमीनों में से वर्तमान में सिर्फ सात कर रहे काम2028 तक काम पूरा करने का निर्धारित किया गया लक्ष्य
buxar news : बक्सर. जिले में लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े विशेष सर्वे कार्य को एक बार फिर रफ्तार देने की तैयारी शुरू हो गयी है. निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप, बिहार पटना के नये निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने स्पष्ट कार्य योजना तैयार करते हुए दिसंबर 2028 तक पूरा सर्वे फाइनल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
सर्वे कार्य को सात चरणों में विभाजित किया गया है, जिसके लिए विभाग ने चरणवार समय-सीमा भी तय कर दी है. पहले चरण में त्रिसिवान एवं मौजा सीमा सत्यापन दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 विशेष सर्वे के तहत सबसे पहले प्रत्येक त्रिसिवान एवं मौजा की पारंपरिक सीमा का सत्यापन किया जायेगा. यह सर्वे के लिए आधार स्तंभ का काम करता है. विभाग ने इस चरण को दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक पूरा करने का निर्देश दिया है.दूसरा चरण : जनवरी से मई तक होगा किस्तवार का कार्य
दूसरे चरण में जमीन की किस्तवार यानी प्लॉटवार सीमांकन और नंबर निर्धारण का कार्य किया जायेगा. यह प्रक्रिया सर्वे की तकनीकी रीढ़ मानी जाती है और इसी के आधार पर आगे मेपिंग, पर्चा तैयार करने और दावों के निस्तारण का मार्ग प्रशस्त होता है. जनवरी से मई 2026 तक इसकी समय सीमा तय है.तीसरा चरण : जनवरी से अगस्त तक होगी खानापूरी
तीसरे चरण में जमीन से जुड़े सभी आवश्यक विवरणों का लेखा-जोखा तैयार किया जायेगा. इसमें प्लॉट नंबर, रकबा, भूमि का प्रकार, कब्जाधारी, उपयोगिता, सीमा का स्वरूप इत्यादि शामिल होते हैं. यह कार्य जनवरी 2026 से अगस्त 2026 तक चलेगा.चौथा चरण : मार्च से नवंबर तक होगी प्रपत्र-6 की तैयारी
खानापूरी के बाद चौथे चरण में विवाद निवारण और दावे-आपत्तियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रपत्र-6 तैयार किया जायेगा. यह दस्तावेज आगे के प्रकाशन और पर्चा वितरण का आधार है. मार्च से नवंबर 2026 तक इसे पूरा करने की समय सीमा तय की गयी है.पांचवां चरण : खानापूरी पर्चा व एलपीएम वितरण मार्च से जनवरी तक
विशेष सर्वे का उजागर रूप आम जनता तक इसी चरण के माध्यम से पहुंचता है. विभाग मार्च 2026 से जनवरी 2027 तक घर-घर पर्चा वितरण और लैंड पार्सल मैप एलपीएम उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है, जिससे किसान एवं भू-स्वामी अपने प्लॉट का वास्तविक नक्शा और रकबा देख सकें.छठा चरण : प्रारूप प्रकाशन मई 2026 से अप्रैल 2027 तक
एलपीएम वितरण के बाद सर्वे दस्तावेजों का प्रारूप प्रकाशित किया जायेगा, जिसमें लोगों को आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिलेगा. मई 2026 से अप्रैल 2027 तक यह प्रक्रिया चलेगी.
सातवां चरण : प्रपत्र-20 पूर्ण करना व फाइनल प्रकाशन अगस्त 2026 से दिसंबर 2028 तक
विशेष सर्वे का अंतिम चरण काफी विस्तृत और जटिल माना जाता है. इसमें सभी दावे-आपत्तियों के निष्पादन के बाद प्रपत्र-20 तैयार किया जायेगा. अगस्त 2026 से अक्तूबर 2027 तक यह पूरा किया जायेगा. इसके बाद विभाग ने दिसंबर 2028 तक सर्वे को अंतिम रूप से फाइनल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.समय पर सर्वे कैसे होगा पूरा, मौजूदा स्थिति चुनौतीपूर्ण
जिले में विशेष सर्वे के लिए कुल 228 अमीनों की नियुक्ति की गयी थी, लेकिन स्थिति यह है कि वर्तमान में मात्र सात अमीन ही सर्वे के कार्य में लगे हुए हैं. बाकी अधिकांश अमीनों को राजस्व महाभियान में लगा दिया गया है.महाभियान ने रोक दिया सर्वे का काम
राजस्व महाअभियान के तहत मिले आवेदनों को विभाग द्वारा 20 नवंबर तक ऑनलाइन अपलोड करना था, लेकिन दिसंबर तक भी सभी आवेदन अपलोड नहीं हो सके. इस कारण अमीनों को महाअभियान से मुक्त नहीं किया गया है और विशेष सर्वे कार्य लगभग ठप पड़ा हुआ है. मौजूदा संसाधनों और कर्मियों की उपलब्धता को देखते हुए निर्धारित समय सीमा में सर्वे पूरा करना आसान नहीं होगा, लेकिन विभाग इसे हर हाल में लक्ष्य अवधि के भीतर पूरा करने के लिए प्रयासरत है.सिर्फ सात अमीनों के भरोसे पूरे जिले का सर्वे
वर्तमान समय में सिर्फ सात अमीन जिले में विशेष सर्वे की मुख्य जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. 228 अमीनों में से इतने कम संख्या में कार्य होना अपने आप में कमजोर स्थिति दर्शाता है. अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही राजस्व महाभियान का कार्य पूरा होगा, अमीनों को वापस विशेष सर्वे में लगाया जायेगा.
नये साल में तेज होगी रफ्तार, मिलेंगी नयी एटीएस मशीनें
विशेष सर्वे कार्य आधुनिक तकनीक आधारित एरहास कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है. कंपनी ने अब तक जिले में तीन एटीएस मशीनें उपलब्ध करायी हैं. जबकि सात से आठ और मशीनें दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक उपलब्ध करायी जायेंगी. जैसे ही पर्याप्त अमीन नयी मशीनें और तकनीकी सहयोग उपलब्ध होगा, सर्वे कार्य में तेजी आने की उम्मीद है. विशेषज्ञों के अनुसार एटीएस मशीनों से जमीन का डिजिटल लेवल, कोण, लंबाई-चौड़ाई और सीमा का सटीक मापन किया जाता है, जिससे सर्वे में भ्रम और विवाद काफी हद तक कम हो जाते हैं.समय सीमा चुनौतीपूर्ण, पर विभाग आश्वस्त
दिसंबर 2028 तक विशेष सर्वे फाइनल करने का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है. जिले में पर्याप्त मानव संसाधन की कमी, राजस्व महाभियान का दबाव, तकनीकी उपकरणों की सीमित उपलब्धता और कई अंचलों में भू-सीमा विवाद जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं. फिर भी विभाग का मानना है कि जैसे ही अमीनों को पूर्ण रूप से वापस सर्वे कार्य में लगाया जायेगा, एटीएस मशीनें उपलब्ध होंगी और अंचलों में नियमित रूप से कार्य शुरू होगा, समय सीमा के भीतर सर्वे पूरा कर लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
