Buxar News: हवन-पूजन के साथ श्रीमद्भागवत कथा संपन्न

Buxar News: कठतर गांव में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा मंगलवार को हवन-पूजन व भंडारा के साथ संपन्न हो गया

By Prabhat Khabar News Desk | March 4, 2025 9:43 PM

चौसा

. राष्ट्रीय अध्यक्ष यमुना रक्षक दल, राधा मोहन जी गौशाला एवं यमुना सेवा धाम ट्रष्ट वृन्दावन के संचालक संत श्री जयकृष्ण दास जी महाराज के सानिध्य में चौसा के कठतर गांव में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा मंगलवार को हवन-पूजन व भंडारा के साथ संपन्न हो गया. वृंदावन से पधारी कथा व्यास साध्वी भारती दीदी ने सात दिनों तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बतायी. उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहते हुए बताया कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है. व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है. दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं. यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं. उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है. श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान व वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं. इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं. विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है. कथावाचक भारती दीदी ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन करते हुए कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है. पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन. जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं. हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है. मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है. जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है. भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है. कथा समापन के दिन मंगलवार को विधि-विधान से पूजा करवायी. देर शाम तक हवन और भंडारा कराया गया. ग्रामीण श्रद्धालुओं ने भी हवन में आहुति डाली. हवन पूजन के बाद दोपहर को भंडारा लगाकर प्रसाद बांटा गया.

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