buxar news : किसानों पर गहराया आर्थिक संकट, नहीं मिल पा रहे धान के खरीदार
buxar news : एमएसपी में कटौती के साथ पैक्स प्रबंधन कर रहे माेल-तोल, किसान परेशानबाजार मूल्य गिरने से धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान
buxar news : बक्सर. जिले के धान उत्पादक किसानों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. बाजार में धान के भाव गिरने और सरकारी खरीद की गति धीमी होने से किसान मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. पैक्स प्रबंधनों द्वारा गोदाम की कमी होने तथा विभिन्न तरह के बेजा खर्च बताकर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये में भारी कटौती के साथ धान का मोल-तोल किया जा रहा है. समितियों की मनमानी पर सहकारिता विभाग अंकुश लगाने में लापरवाह बना है. इसका खामियाजा दिन-रात एक कर खून-पसीना बहा धान उत्पादन करने वाले किसानों को भुगतना पड़ रहा है.
लागत से कम दाम मिलने से किसानों की टूटी कमर
किसानों की माने तो खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान का उत्पादन काफी कम हुआ है. लेकिन, खुले बाजार में किसानों को केवल 1700-1800 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है. यह कीमत सरकार द्वारा निर्धारित सामान्य धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये व ग्रेड ए 2,389 रुपये से लगभग 600 रुपये कम है. बीज, खाद, सिंचाई और मजदूरी की बढ़ती लागत के बीच इतनी कम कीमत पर धान बेचना किसानों की मजबूरी बन गयी है, लिहाजा कृषकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.
पैक्स खरीद लक्ष्य की विफलता और मानसिक दबाव
पूर्व की तरह इस चालू विपणन वर्ष में भी सहकारी समितियों के माध्यम से सरकारी खरीद की व्यवस्था की गयी है, लेकिन सरकारी क्रय केंद्रों पर बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं. संसाधनों की कमी एवं बेजा खर्च के नाम पर एमएसपी में कटौती का खेल समिति प्रबंधन भी कर रहे हैं, जिससे किसानों को पैक्स में धान बेचने के बाद भी 2,000 रुपये से ज्यादा नहीं मिल पा रहा है. ऐसी निराशाजनक परिस्थितियों में किसान मानसिक दबाव में आकर खेती से नाता तोड़ने का मन बना रहे हैं.
अभी तक 12,214.075 टन हुई खरीदारी
धान बेचने के लिए जिले के 19509 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. जिनमें से 7,478 रैयत एवं 12,031 गैर रैयत किसानों के आवेदन हैं. सहकारिता विभाग द्वारा खरीदारी के लिए कुल 113 समितियों की स्वीकृति दी गयी हैं, जिसमें 106 पैक्स एवं 07 व्यापार मंडल शामिल हैं. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 1,263 किसानों से 12,214.075 टन धान धान का क्रय किया गया है. हालांकि एक लाख 40 हजार टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था.
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