Buxar News: मधुमक्खी पालन ने मनोज की बदल दी जिंदगी

प्रखंड के रसेन गांव के रहने वाला युवक मनोज कुमार सिंह मधुमक्खी पालन से आर्थिक तंगहाली को दूर कर अपनी जिंदगी बदल दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 25, 2025 9:20 PM

राजपुर

. प्रखंड के रसेन गांव के रहने वाला युवक मनोज कुमार सिंह मधुमक्खी पालन से आर्थिक तंगहाली को दूर कर अपनी जिंदगी बदल दिया है. फिलहाल यह गांव-गांव में किसानों को प्रशिक्षण देकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे है. 2002 में शुरू किया मधुमक्खी पालन का काम : वर्ष 2001 में इंटर की परीक्षा देने के बाद परिवार की माली हालत को सुधारने के लिए यह कामकाज के लिए पंजाब के लुधियाना चले गए. जहां कंपनी में रहकर इन्होंने बुनाई का काम शुरू कर दिया. एक वर्ष बाद वर्ष 2002 में वापस घर लौटे. घर लौटने के बाद वही समस्या थी कि परिवार के हालात को कैसे सुधारा जाये. इसी बीच वह बक्सर से गांव लौटते वक्त बस की छत के ऊपर सवार युवक ने देखा कि चौसा के आसपास मुजफ्फरपुर से आए मधुमक्खी पालकों की टीम कई बीघा खेत के परिसर में अपने डिब्बे के साथ रखवाली कर रहे हैं.इस डिब्बे को देख इसके मन में भी कुछ करने की चाहत जगी और वह उन लोगों से जा मिला. मधुमक्खी पालक सुशील प्रसाद से मुलाकात कर इसने अपने सफर को आगे बढ़ाया.धीरे-धीरे इस क्षेत्र में इसका मन लगने लगा आज वह इसके आइकन बन गए. आज यह लगभग 1400 बक्से के साथ मधुमक्खी का पालन करते हैं जो आय का एक बहुत अच्छा स्रोत हो गया है .युवकों को दिया रोजगार

इस उद्योग से जुड़े मनोज ने इस क्षेत्र के कई लोगों को रोजगार दिया है .अभी फिलहाल कई लोगों को मासिक मजदूरी पर रखे हुए हैं. जिनको 10000 रुपये मासिक वेतन देते हैं. इनमें रसेन के युवक दयाशंकर सिंह, उमेश सिंह, मनोज सिंह सहित अन्य लोगों को भी रोजगार दिए है. फिलहाल गांव गांव में घूम कर किसानों का समूह बनाकर इसके लिए जागरूक भी कर रहे हैं .साथ ही यह सभी इनके साथ रहकर स्वयं भी अपना रोजगार करते हैं. साल में 10 से 11 लाख की होती है आमदनी : उन्होंने बताया कि इस मधुमक्खी पालन से प्रतिवर्ष 10 से 18 लाख की आमदनी होती है.वर्ष में लगभग 12 से 13 टन मधु का उत्पादन किया जाता है.जिसकी सप्लाई भारत के सबसे बड़ी कंपनी डाबर, पतंजलि एवं वैद्यनाथ को दी जाती है. डीएम के सहयोग से बनाया अपना ब्रांड : इनके कार्य को देखकर तत्कालीन जिलाधिकारी अमन समीर ने पिछले वर्ष नवप्रवर्तन योजना से अनुदान देकर मधु प्रोसेसिंग प्लांट भी उपलब्ध कराया है, जो जिले का अपना ब्रांड तैयार कर अन्य कंपनियों की तरह मधु की सप्लाई करते हैं.

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