बक्सर : चौसा स्टेशन के पास अपर इंडिया एक्सप्रेस बेपटरी

ट्रैक धंसकर चटका, चालक की सूझबूझ से टला हादसा चौसा (बक्सर) : दानापुर रेलमंडल में चालक की सूझबूझ से रविवार को अपर इंडिया एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गयी. डाउन मार्ग पर रेल पटरी चटकने के कारण यह ट्रेन बेपटरी हो गयी. मगर संयोग अच्छा था कि ट्रेन की रफ्तार धीमी थी. ट्रेन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2019 6:36 AM
ट्रैक धंसकर चटका, चालक की सूझबूझ से टला हादसा
चौसा (बक्सर) : दानापुर रेलमंडल में चालक की सूझबूझ से रविवार को अपर इंडिया एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गयी. डाउन मार्ग पर रेल पटरी चटकने के कारण यह ट्रेन बेपटरी हो गयी.
मगर संयोग अच्छा था कि ट्रेन की रफ्तार धीमी थी. ट्रेन की बेपटरी होते ही यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गयी. यह हादसा चौसा स्टेशन के पूर्वी केबिन के पास दिन के पौने बारह हुआ. घटना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों व कर्मियों ने पटरी को दुरुस्त कर परिचालन शुरू कराया. जानकारी के अनुसार, दानापुर रेलमंडल स्थित बक्सर-गहमर स्टेशन के बीच चौसा स्टेशन पर रविवार की दोपहर आनंद विहार-सियालदह अपर इंडिया एक्सप्रेस ट्रेन डाउन लूप प्लेटफॉर्म से जैसे ही पटना की ओर जाने के लिए खुली कि महज 50 मीटर की दूरी के बाद ही रेलमार्ग धंसकर चटक गया. इंजन के पार होते ही बोगियों के चक्के में धड़ाम -धड़ाम की तेज आवाज आने लगी.
ट्रेन के इंजन से सटी महिला बोगी के चक्के से चटकी रेलमार्ग को देख गुमटी के पास खड़े लोगों ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया. लोगों की आवाज को सुन ट्रेन के चालक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ट्रेन को खड़ा कर दिया. तब तक एक बोगी का आधा हिस्सा ट्रैक पार गया था. ट्रेन खड़ी होते ही यात्रियों ने राहत की सांस ली.
तुरंत, इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को दी गयी, जिसने कंट्रोल को सूचित करते हुए पीडब्लूआइ को दी. इस दौरान डाउन मार्ग पर करीब ढाई घंटों के लिए परिचालन भी बाधित रहा. इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे रेल के अधिकारियों व मैकेनिकल टीम द्वारा जब चटकी ट्रैक को ठीक किया गया.
तब जाकर करीब दोपहर 2.32 बजे ट्रेन को वहां से पास कराया गया. घटना के बारे में बताया जा रहा है कि चौसा स्टेशन की लुप लाइन में 11.49 बजे 13120 डाउन आनंद बिहार-सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन को खड़ा कराकर उघना एक्सप्रेस को मेल लाइन से पास कराने बाद 13120 डाउन को लुप लाइन से खुलने के लिए सिग्नल मिला.
ट्रेन खुलते जैसे ही 77(सी) गुमटी के पास पहुंची तो इंजन से तीसरी बोगी के चक्के से धड़ाम-धड़ाम की आवाज आने लगी. गुमटी पर खड़े लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे. इसकी आवाज और इशारा ट्रेन के चालक ने समझ लिया और ट्रेन को रोक दिया. संयोग अच्छा था कि ट्रेन की काफी गति धीमी थी.
अगर स्पीड तेज होता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जहां पर रेल मार्ग धंसकर चटकी है, वहां पीडब्लूआइ के कर्मी काम कर रहे थे और रेल मार्ग से पटरी निकाल चुके थे. रेल मार्ग के नीचे गड्ढा होने के कारण पटरी दो फुट चटक गयी. इस बाबत ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर मंसूर आलम ने बताया कि पीडब्लूआइ द्वारा रेल मार्ग की मरम्मत कराये जाने से संबंधित कोई सूचना नहीं दी गयी थी. इस कारण यह हादसा हुआ.

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