Bihar : अर्घ्य से पहले बुझा घर का चिराग, छठ की खुशियां मातम में बदली, तालाब में डूबने से लड़के की मौत
Bihar: पटना के बिहटा के वार्ड संख्या 26 स्थित अल्हनपुरा तालाब में सोमवार की सुबह नहाने के दौरान 13 वर्षीय अंकित की डूबने से मौत हो गई. लोगों ने बताया अंकित अपने माता के अर्घ्य देने के लिए घाट बनाने गया था. उसके बाद वह उसी तालाब में नहाने लगा. नहाते समय अंकित अचानक गहराई में चला गया.
Bihar, बिहटा, मोनु कुमार मिश्रा : भक्ति, आस्था और उमंग से भरे छठ महापर्व की सुबह बिहटा में मातम में बदल गई. जहां चारों ओर छठ गीत और ठेकुआ की खुशबू फैली थी, वहीं अचानक चीख-पुकार से पूरा माहौल गूंज उठा. वार्ड संख्या 26 स्थित अल्हनपुरा तालाब में सोमवार की सुबह नहाने के दौरान 13 वर्षीय अंकित की डूबने से मौत हो गई. सुबह करीब 9 बजे अंकित अपने दोस्तों के साथ तालाब पर नहाने गया था. घर में छठ की तैयारी जोरों पर थी. मां माया देवी रसोई में ठेकुआ तल रही थीं, पिता पिंकू कुमार घाट सजाने में व्यस्त थे. दोनों ने अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा था. पर किसे पता था कि जिस सूर्य देवता को अर्घ्य देने की तैयारी हो रही थी, उसी के उदय से पहले उनका लाल सदा के लिए डूब जाएगा.
घाट बनाने गया था मृतक
लोगों ने बताया अंकित अपने माता के अर्घ्य देने के लिए घाट बनाने गया था. उसके बाद वह उसी तालाब में नहाने लगा. नहाते समय अंकित अचानक गहराई में चला गया. उसके साथ मौजूद युवक ने बचाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही. ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला और बिहटा के एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मां की चीत्कारों से गमगीन हुआ इलाका
घटना की सूचना मिलते ही पूरे इलाके में मातम छा गया. घर में जहां सुबह छठ गीत गूंज रहे थे, दोपहर तक वहां सिर्फ सिसकियों और चीत्कारों की आवाजें रह गई. अंकित की मां माया देवी बार-बार बेहोश होकर यही कहती रहीं “हे छठी मइया, हमरा लाल के काहे छीन लिहलऽ…”
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
अंकित कक्षा आठ का छात्र था. परिवार के दो बेटों और एक बेटी में वह बीच का था. घटना की जानकारी मिलने पर बिहटा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने कहा कि अगर तालाब के चारों ओर बैरिकेडिंग या गोताखोरों की तैनाती होती, तो यह हादसा नहीं होता.
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मृतक के परिजनों को मिलेगा चार लाख का मुआवजा: अंचलाधिकारी
अंचलाधिकारी ने बताया कि प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा. आस्था के इस सबसे बड़े पर्व के बीच यह घटना पूरे क्षेत्र के लिए गहरी पीड़ा छोड़ गई है. जिस घर में आज सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी थी, वहां अब दीपक की लौ बुझ चुकी है. और छठ मइया के गीतों की जगह अब सिर्फ रोती मां की सिसकियां सुनाई दे रही हैं.
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