ग्रामश्री मेला के पंडाल – स्टाॅल अधूरे
डीएम कुंदन कुमार द्वारा ग्रामश्री मेला सहित विभिन्न मेलों के पंडाल और स्टॉल निर्माण की अंतिम तिथि 17 दिसंबर निर्धारित की गई थी.
राजगीर. डीएम कुंदन कुमार द्वारा ग्रामश्री मेला सहित विभिन्न मेलों के पंडाल और स्टॉल निर्माण की अंतिम तिथि 17 दिसंबर निर्धारित की गई थी. लेकिन तय समयसीमा बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य आधा अधूरा है. बुधवार की शाम तक स्थिति यह रही कि राजगीर महोत्सव के मुख्य जर्मन हैंगर पंडाल को छोड़कर एक भी मेला स्टॉल पूरी तरह तैयार नहीं हो सका है, जबकि निर्माण कार्य दिन-रात जारी बताया जा रहा है.निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जर्मन हैंगर पंडाल के साथ-साथ ग्रामश्री मेला, पुस्तक मेला, व्यंजन मेला, कृषि मेला, महिला महोत्सव एवं अन्य प्रदर्शनी पंडालों व स्टाॅलों का निर्माण 17 दिसंबर तक पूरा होना था. महिला महोत्सव और व्यंजन मेला का सबसे बुरा हाल है. इन दोनों के लिए बनाए जा रहे पंडाल और स्टाॅल बनाने के लिए फिलहाल केवल बांस और ढांचे का कुछ काम ही हो सका है. वहीं ग्रामश्री मेला, कृषि मेला, व्यंजन मेला, पुस्तक मेला और प्रदर्शनी के लिए प्रस्तावित पंडालों का निर्माण अब तक आधा अधूरा अवस्था में ही है. जानकारों के अनुसार सभी पंडालों और स्टॉलों को पूरी तरह तैयार होने में कम से कम दो दिन और लग सकते हैं. इससे समय प्रबंधन को लेकर चिंता बढ़ गई है. इधर पीएचईडी विभाग द्वारा स्टेट गेस्ट हाउस परिसर में सात स्थानों पर कुल 100 शौचालयों का निर्माण कराया गया है, जहां 24 घंटे पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया गया है. साथ ही पेयजल व्यवस्था के लिए विभिन्न स्थानों पर गंगा जल की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन द्वारा राजगीर महोत्सव के मौके पर सड़क के दोनों चीनी खिलाड़ियों से सजाया और सावरा गया है. शाम ढलते ही यहां की सड़क रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाने लगती है. सड़क के किनारे बिजली बत्ती की लड़ी लगाने का काम अनुमंडल कार्यालय से लेकर महोत्सव स्थल तक युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
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