स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही नहीं चलेगी : डीएम
जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूत, संवेदनशील व जनोपयोगी बनाने के लिए जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है.
बिहारशरीफ. जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूत, संवेदनशील व जनोपयोगी बनाने के लिए जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है. मंगलवार को डीएम की अध्यक्षता में जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी, जिसमें सरकार द्वारा संचालित सभी स्वास्थ्य योजनाओं और सेवाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गयी. बैठक में डीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकारी अस्पतालों में बदलाव जमीन पर दिखना चाहिए. मरीज जैसे ही पीएचसी या अस्पताल में प्रवेश करें, उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि सरकारी चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह उनके लिए तत्पर है. जिलाधिकारी ने जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति, उपलब्ध सेवाओं और डॉक्टर रोस्टर के सार्वजनिक प्रदर्शन की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि हर अस्पताल में डिस्प्ले बोर्ड पर डॉक्टरों का रोस्टर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए, ताकि आम लोगों को सही और समय पर जानकारी मिल सके. सभी एमओआईसी (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी) को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि ड्यूटी में कोताही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीएम ने निर्देश दिया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल और जिला अस्पताल में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं हर हाल में निरंतर उपलब्ध रहें. जहां भी तकनीकी या संसाधन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें तत्काल दूर करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये. हालांकि, डीएम ने यह भी स्वीकार किया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई बेहतर कार्य किए जा रहे हैं, जिसके लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई दी. साथ ही सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय है. बैठक में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया. डीएम ने निर्देश दिया कि हाइ रिस्क प्रेगनेंसी को पहले से चिन्हित किया जाये. डॉक्टर, नर्स और एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाये. डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाये. ताकि समय पर बेहतर और सुरक्षित उपचार उपलब्ध कराया जा सके. साफ-सफाई, दवा और जांच सुविधाएं अनिवार्य. डीएम ने सभी पीएचसी स्तर तक साफ-सफाई. शुद्ध पेयजल, बैठने की व्यवस्था, स्वच्छ शौचालय, पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही पैथोलॉजी, एक्स-रे, सीटी स्कैन, सीबीसी मशीन जैसी जांच सुविधाओं को हर हाल में क्रियाशील रखने का आदेश दिया गया. शिशु मृत्यु दर की गहन समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को कारणों की पहचान कर समयबद्ध व प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये. इस क्रम में संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, पोषण और समय पर उपचार को बेहद जरूरी बताया गया. डीएम ने दो टूक कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई भी लापरवाही अस्वीकार्य है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों को पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करने तथा योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये गये, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचे. इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में प्रशिक्षु सहायक समाहर्ता, सिविल सर्जन, डीपीओ आइसीडीएस, डीपीएम हेल्थ, डीएस, सभी एमओआइसी, हेल्थ मैनेजर, जिला स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.
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