बिल-मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने बरबीघा रेफरल अस्पताल का किया निरीक्षण
विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु प्रयासरत अमेरिका की संस्था बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने बरबीघा रेफरल अस्पताल का निरीक्षण किया.
बरबीघा. विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु प्रयासरत अमेरिका की संस्था बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने बरबीघा रेफरल अस्पताल का निरीक्षण किया. इस अवसर पर बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की भारत में सहयोगी संस्था पीएसआइ फाउंडेशन से जुड़े सदस्य भी शामिल थे. दरअसल ये दोनों संस्था परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम कर रही है. बिहार का शेखपुरा जिला भारत सरकार द्वारा परिवार नियोजन के तहत चयनित सब- क्यूटेनियस इंजेटेबल गर्भ निरोधक जिला में शामिल है. पहले फेज में बिहार के शेखपुरा के अलावा सिर्फ मुंगेर को ही इस परियोजना के लिए शामिल किया गया. संस्था के सदस्य द्वारा मंगलवार को रेफरल अस्पताल बरबीघा और उससे जुड़े अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चल रहे कार्यों का मूल्यांकन किया गया. इस दौरान टीम ने परियोजना की मास्टर ट्रेनर डॉ नूर फातिमा से मुलाकात करते हुए सव क्यूटेनियस इंजेक्टेबल गर्भ निरोधक को ले कर लाभार्थी एवं आशा की क्या सोच है इसके बारे में विस्तृत चर्चा की गयी. इसके बाद टीम द्वारा परिवार नियोजन के तहत चल रहे कार्यों के विषय में भी बताया गया. वहीं लोगों में फैलने वाले यौन रोगों से संबंधित जानकारियां भी टीम के सदस्यों द्वारा ली गयी. यौन रोगों के रोकथाम बचाव आदि को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा भी किया गया. इस संबंध में डॉक्टर नूर फातिमा ने बताया कि फैमिली प्लानिंग को कारगर बनाने के लिए गर्भ निरोधक साधन त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन काफी महत्वपूर्ण है. इसकी डोज हर तीन महीने पर लेनी होती है.
गर्भनिरोधक सुई अंतरा के प्रयोग में बरबीघा रेफरल अस्पताल अव्वल
दो से पांच वर्ष तक बच्चों में अंतर रखने के लिए यह गर्भनिरोधक काफी मददगार है. बरबीघा रेफरल अस्पताल इसके प्रयोग के मामले में अव्वल चल रहा है. इस सुविधा का लाभ आशा कार्यकर्ता की मदद से लिया जा सकता है. यह अस्पताल में बिल्कुल नि:शुल्क दिया जाता है. परिवार नियोजन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के चलते टीम के सदस्यों के द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया गया है. डॉक्टर नूर फातिमा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम के सदस्य रेफरल अस्पताल की साफ-सफाई के साथ-साथ पैथोलोजी में किस तरह कार्य किए जा रहे हैं इसका स्वयं जांच पड़ताल की. टीम के सदस्यों ने प्रसव कक्ष जाकर वहां की हर सुविधा पर चर्चा की. कूड़ेदान से लेकर वहां की साफ-सफाई की क्या स्थिति है इसका भी जायजा लिया गया. टीम में पीएसआइ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर समरेंद्रा बेहरा, जनरल मैनेजर सौरभ तिवारी, डॉ नीता झा, मेराज आलम, मनीष कुमार के अलावा अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर फैसल मैनेजर त्रिलोकी नाथ पांडेय सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.
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